संकट में घिरे पाकिस्तान की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। पेट्रोल से लेकर आटे तक की किल्लत झेल रहे पाकिस्तान के लिए अब डूब जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान के लिए एक आखिरी उम्मीद आईएमएफ से मिलने वाली राहत थी, लेकिन वह उम्मीद भी खत्म होती दिख रही है। बीत एक हफ्ते से राहत पैकेज के लिए दोनों देशों के बीच हो रही बातचीत आज बिना नतीजे खत्म हो गई है।
पाकिस्तानी मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बीच 1.1 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए कर्मचारी स्तर पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए यह पैकेज काफी महत्वपूर्ण है। दस दिन की वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच पैकेज को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।
वाशिंगटन स्थित आईएमएफ ने कहा कि आगामी दिनों में यह वार्ता वर्चुअल माध्यम से जारी रहेगी। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है। उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है। नौवीं समीक्षा फिलहाल लंबित है और इसके सफलतापूर्वक पूरा होने पर अगली किस्त के रूप में 1.1 अरब डॉलर जारी होंगे।