IMD weather Report: देश में कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है। किसान (Farmer) दोनों परिस्थिति में नुकसान झेल रहे हैं। इस समय धान की फसल (Paddy Crop) की रोपाई अपने आखिरी स्टेज में होती है, लेकिन कम बारिश के चलते अभी फसल तैयार होने में और समय लग रहा है। भारत में कहां कितनी बारिश हुई है मौसम विभाग की डेटा इस बारे में क्या कहती है? समझने की कोशिश करते हैं।
1961 के बाद से अब तक की सबसे कम बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के डेटा के मुताबिक, देश में एक जून से 20 अगस्त तक 674.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह 1961 से लेकर 2010 के बीच लगाए गए अधिकारिक अनुमान से 10.5 फीसदी अधिक है। वहीं अगर हम बात गंगा के तटीय राज्यों की करें तो चार राज्य सबसे ज्यादा सुखे की चपेट में है जिसमें बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल और झारखंड शामिल हैं। कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां वर्ष 1961 के बाद से इस साल 1 जून से अगस्त 20 के बीच अब तक की सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।
38 फीसदी हिस्सों में कम बारिश
आईएमडी के आंकड़ो के मुताबिक, देश के 38 फीसदी हिस्सों में कम बारिश हुई है। गंगा के चार मैदानी राज्यों के 723 ग्रिड में से 663 ग्रिड में 92 फीसदी से कम बारिश हुई है। यह साल 1961 के बाद से सबसे खराब स्थिति है।
धान के फसल पर पड़ा असर
पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि इस समय तक धान की 95 फीसदी और अरहर की 100 फीसदी बुआई पूरी हो चुकी होती है, जबकि मौजूदा स्थिति में यह क्रमश: 78 और 92 फीसदी ही हो सकी है।
झारखंड के कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना
झारखंड के सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों समेत अनेक इलाकों में अगले 48 घंटों के लिए भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के इन जिलों समेत अनेक अन्य इलाकों में इस दौरान 70 से 200 मिमी तक वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसांवा, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज में कहीं-कहीं 45-65 किलोमीटर की गति से हवा चल सकती है। अन्य भागों में 30 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। कई जगहों पर गर्जन के साथ वज्रपात होने की आशंका है।