भारतीय कृषि को मौसम का जुआ माना जाता है। सिंचाई की तमाम सुविधाओं और कृषि तकनीकों के बावजूद भारतीय कृषि काफी हद तक मौसम पर ही निर्भर है। बीते साल असमान्य मानसून के चलते खरीफ की फसल का काफी राज्यों में प्रभावित हुई। वहीं इस साल मानसून पर एलनीनो का खतरा भी मंडरा रहा है। इन संकटग्रस्त स्थितियों के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून को लेकर पूर्वानुमान जारी कर दिया है।
क्या है मौमस विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि भारत में इस साल सामान्य मानसून रहेगा। मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी देश में कृषि उत्पादन को लेकर उठ रही चिंताओं को कम कर सकती है। आईएमडी ने कहा कि जून-सितंबर की अवधि के दौरान वर्षा दीर्घकालिक औसत का 96 प्रतिशत होने की संभावना है। इससे पहले सोमवार को निजी एजेंसी स्काइमेट ने भविष्यवाणी की थी, जिसमें उसने सामान्य से कम बारिश की संभावना व्यक्त की गई थी।
इन क्षेत्रों में कम होगी बारिश
मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों और पश्चिम मध्य भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य वर्षा से कम वर्षा और उत्तर पूर्व भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य बारिश की संभावना व्यक्त की है।
स्काईमेट ने दी एलनीनो की चेतावनी
निजी फोरकास्ट कंपनी स्काईमेट ने सोमवार को पूर्वानुमान जारी कर एलनीनो के खतरे की ओर संकेत किया है। स्काईमेट वेदर सर्विसेज ने कहा कि आने वाले सीज़न में केवल 94 प्रतिशत बारिश का अनुमान है। स्काईमेट के अनुसार एलनीनो इस साल दुनिया भर में मौसम के पैटर्न को प्रभावित कर सकती है। भारत में, एल नीनो ने सूखे की स्थिति पैदा कर सकता है।
सभी एलनीनो नहीं होते खराब
आईएमडी ने यह स्पष्ट करते हुए कहा, कि सभी एल नीनो खराब मानसून वर्ष नहीं होते हैं। यह भी कहा गया है कि वर्तमान ला लीना की स्थिति, जो आमतौर पर मानसून के लिए अनुकूल होती है, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर देखी जा रही है।