घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि धीमी जमा वृद्धि के कारण बैंक वित्त वर्ष 2025 में बॉन्ड जारी करके 1.3 लाख करोड़ रुपये तक जुटाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जमा और ऋण वृद्धि के बीच निरंतर अंतर के बीच बॉन्ड जारी करने की दर 1.2-1.3 लाख करोड़ रुपये के बीच होगी और यह सिस्टम के लिए अब तक का सबसे अधिक होगा। पीटीआई की खबर के मुताबिक, घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 85 प्रतिशत बॉन्ड जारी करने वाले सरकारी बैंक होंगे।
वित्त वर्ष 2024 में बैंकों ने इतनी राशि जुटाई थी
खबर के मुताबिक, ऐसे ऋणदाताओं के बीच इन्फ्रा बॉन्ड के लिए अधिक रुचि बाजार को आगे बढ़ाएगी। एजेंसी ने कहा कि कठिन तरलता की स्थिति और जमा वृद्धि से लगातार आगे निकल रहे लोन ग्रोथ ने बैंकों द्वारा वैकल्पिक स्रोतों से धन जुटाने की जरूरत पैदा कर दी है। बैंकों ने वित्त वर्ष 2024 में बॉन्ड जारी करने के माध्यम से 1 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे, जबकि पिछला सर्वकालिक उच्च स्तर वित्त वर्ष 23 में 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा था।
बैंकों ने अब तक बॉन्ड से 76,700 करोड़ रुपये जुटाए
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य-वित्तीय वर्ष के करीब पहुंचने के साथ ही बैंकों ने अब तक बॉन्ड से 76,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो वित्त वर्ष 24 में इसी अवधि के दौरान जुटाए गए संसाधनों की तुलना में 225 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। एजेंसी ने कहा कि चूंकि निजी बैंक अपने ऋण-से-जमा अनुपात को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, इसलिए बॉन्ड के माध्यम से धन उगाहने में इस वर्ष सार्वजनिक बैंकों का दबदबा है।
30 जून, 2024 तक बैंकों का अग्रिम अनुमान
रेटिंग प्रमुख सचिन सचदेवा ने कहा कि बॉन्ड से धन जुटाने से निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए सीडी अनुपात में गिरावट आएगी, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक उपलब्ध पर्याप्त गुंजाइश को देखते हुए बुनियादी ढांचे के बॉन्ड के माध्यम से वृद्धि को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। इसने कहा कि 30 जून, 2024 तक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बैंकों का अग्रिम अनुमान 13-14 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी लगभग 75 प्रतिशत है।