धोखाधड़ी के मामले में CBI द्वारा हिरासत में ली गई ICICI बैंक की पूर्व सीईओ को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ ही उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को भी 14 दिन की ज्युडीशियल कस्टडी में भेजा गया है। उन तीनों की गिरफ्तारी सीबीआई ने आईसीआईसीआई लोन धोखाधड़ी मामले में की गई थी। गिरफ्तार के बाद से वे सीबीआई पर रिमांड पर थे। उनकी रिमांड अवधि आज समाप्त हो रही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई ने और हिरासत की मांग नहीं की जिसके बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
क्या है मामला
सीधे तौर पर देखा जाए तो यह एक आम बैंकिंग घोटाला है, जिसमें उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों ने अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाते हैं। लेकिन इस मामले में बैंक की सीईओ उनके पति और एक बड़े कारोबारी घराने का नाम आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ICICI बैंक ने वीडियोकोन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। वीडियोकॉन ग्रुप ने इस लोन में से 86 फीसदी (करीब 2810 करोड़ रुपये) नहीं चुकाए। साल 2017 में इस लोन को एनपीए में डाल दिया गया।
फायदा देने के लिए मंजूर किया भारी लोन
दरअसल, चंदा उस कमेटी का हिस्सा रहीं थीं, जिसने 26 अगस्त 2009 को बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी। इसके अलावा 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी। कमेटी के इस फैसले ने बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन किया था।
लोन के पैसे से दीपक कोचर की कंपनी में निवेश
एफआईआर के अनुसार, इस भारी भरकम कर्ज की मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके अलावा 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।