नौकरियों से निकाले जाने और कर्मचारियों की तादाद में कटौती को आर्थिक मंदी का संकेत माना जाता है। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजॉन, स्विगी शेयर चैट ने अपने कर्मचारियों को जॉब से यह कहते हुए निकाल दिया कि बाकी कर्मचारियों की सुरक्षित नौकरी के लिए ऐसा करना जरूरी था। ग्लोबल स्तर पर हो रही छंटनी के इस दौर में अब एक और कंपनी का नाम जुड़ चुका है। अब अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम (IBM) ने भी अपने 3900 कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है।
आईबीएम ने क्या कहा है?
आईबीएम ने अपने इस फैसले को लेकर कहा है कि एनुअल कैश टारगेट को हासिल करने में नाकाम रहने के बाद यह निर्णय लिया गया है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी यानी सीएफओ जेम्स कॉवना ने बताया कि इन सब हालातों के बीच कंपनी अभी भी क्लांइट से संबंधित आर एंड डी के मद्देनजर भर्तियों के लिए प्रतिबद्ध है।
कंपनी के शेयरों में गिरावट
आईबीएम ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इतनी बड़ी छंटनी की वजह किन्ड्रील व्यवसाय के स्पिनऑफ और एआई यूनिट वाटसन हेल्थ के एक हिस्से में जनवरी-मार्च की अवधि में $300 मिलियन चार्ज से है। कंपनी के शेयरों में 2 फीसदी की गिरावट आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नौकरी में कटौती और फ्री कैश फ्लो मिस होने की खबरें गिरावट के पीछे हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में बिग टेक से लेकर वॉल स्ट्रीट बैंकिंग की बड़ी कंपनियों तक, अमेरिकी कंपनियां वैश्विक आर्थिक मंदी से बेहतर तरीके से निपटने के लिए लागत में कमी और कटौती कर रही हैं।
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