Friday, November 15, 2024
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मुझे 140 करोड़ लोगों को खुश करना है! अमेरिका को नहीं, जानें PM मोदी ने ऐसा क्यों कहा

उन्होंने कहा कि मैं दुनिया की नहीं सोचता! मैं हमेशा अपने देश की जनता के बारे में सोचता हूं। देश की जनता को सुखमय जिंदगी देने की दिशा में हर कदम उठाता हूं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: May 23, 2024 21:54 IST
PM Modi and Rajat Sharma- India TV Paisa
Photo:INDIA TV पीएम नरेंद्र मोदी और रजत शर्मा

लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बिजी शेड्यूल में से समय निकालकर आज देश के सबसे बड़े टीवी होस्ट रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। इंडिया टीवी के पॉपुलर प्रोग्राम 'सलाम इंडिया' में शामिल होकर पीएम मोदी ने देश की मौजूदा राजनीति, दुनिया में भारत का बढ़ता कद से लेकर तमाम राजनीतिक सवालों के जवाब बिना लाग लपेट ​के दिए। उन्होंने रूस से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिका समेत यूरोपीय देशों की नराजगी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि उनका काम अमेरिका को नहीं बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों को खुश करना है। 

उन्होंने कहा, मैंने रूस से कच्चे तेल का आयात कर अपने करोड़ों देशवासियों को महंगे ईंधन के बोझ से बचाया। जब दुनिया में क्रूड ऑयल की कीमत में उछाल आई तो हम सस्ता पेट्रोल-डीजल बेच रहे हैं। 'मैं दुनिया की नहीं सोचता! मैं हमेशा अपने देश की जनता के बारे में सोचता हूं'। देश की जनता को सुखमय जिंदगी देने की दिशा में हर कदम उठाता हूं। आगे भी इस तरह के काम को करता रहूंगा। आज भारत नजर झुकाकर नहीं, बल्कि नजरें मिलाकर बात करता है। यह बदलाव देश की जनता के बदौलत आया है। 

रूसी तेल​ से भारत को हुआ बड़ा फायदा

रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखने की भारत की रणनीति का ही नतीजा है कि वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के तेल आयात बिल में लगभग 7.9 बिलियन डॉलर की बचत हुई है और देश को अपने चालू खाता घाटे को कम करने में भी मदद मिली है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें अभी 82.17 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल के दौरान आयात 13-17 प्रतिशत बढ़ गया। आंकड़ों से पता चलता है कि इराक से इसके तेल आयात में 20-23 प्रतिशत की गिरावट आई है। 

दुनियाभर के देशों को भी मिला लाभ 

चूंकि भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, रूसी तेल की इन बड़ी खरीद ने विश्‍व बाजार में कीमतों को अधिक उचित स्तर पर रखने में मदद की है, जिससे अन्य देशों को भी लाभ हुआ है।

आयात बिल कम करने में मिली मदद 

यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर पश्चिमी देशों द्वारा इन खरीदों को रोकने के दबाव के बावजूद सरकार ने तेल कंपनियों को रियायती कीमतों पर रूसी कच्चा तेल खरीदने की अनुमति देकर देश के तेल आयात बिल में कटौती करने में भी मदद की है। रूस अब भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है, जिसने पहले इराक और सऊदी अरब की जगह ली थी। भारत वास्तव में रूस के समुद्री तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है, जिसकी अप्रैल में भारत के कुल तेल आयात में लगभग 38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 2023-24 में रूस का तेल इराक के कच्चे तेल से करीब 3 डॉलर प्रति बैरल सस्ता था, जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष में यह 7 डॉलर प्रति बैरल सस्ता पड़ रहा था। 

रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम का हिस्सा बढ़ा

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मात्रा के लिहाज से रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम का हिस्सा वित्त वर्ष 2024 के 11 महीनों में 36 प्रतिशत हो गया, जबकि पश्चिम एशियाई देशों (सऊदी अरब, यूएई और कुवैत) से आयातित हिस्सा 34 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत हो गया। रूसी तेल पर छूट से तेल आयात बिल में भारी बचत हुई। आईसीआरए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से आयात का अनुमानित इकाई मूल्य वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के 11 महीनों में पश्चिम एशिया से संबंधित स्तरों की तुलना में क्रमशः 16.4 प्रतिशत और 15.6 प्रतिशत कम था।

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