छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड तेजी से पॉपुलर हुआ है। इसकी वजह परंपरागत निवेश माध्यमों के मुकाबले मिलने वाला ज्यादा रिटर्न और छोटी रकम से इन्वेस्टमेंट की शुरुआत है। इसके चलते निवेशकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अब एक और चौंकाने वाला आंकड़ा आया है। अपको बता दूं कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में मई में निवेश जोरदार बढ़त के साथ 34,697 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा इससे पिछले महीने के मुकाबले 83 प्रतिशत अधिक है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
क्यों इतना तेजी से बढ़ा निवेश?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बीच-बीच में होने वाले करेक्शन ने निवेशकों को बाजार में खरीदारी का मौका दिया। इसके अलावा, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में वापस आने की उम्मीद ने भी निवेशकों की खरीदारी को बढ़ावा दिया। इसके चलते म्यूचुअल फंड में निवेश तेजी से बढ़ा है। निवेशक यह मान कर निवेश कर रहे हैं कि अगले पांच साल में उनको शानदार रिटर्न मिलेगा जैसे पिछले 10 साल में मिला है। इसलिए निवेश तेजी से बढ़ा है।
SIP से निवेश मई में बढ़कर 20,904 करोड़
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने सोमवार को जारी आंकड़ो में बताया कि यह इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश का लगातार 39वां महीना है। इसके अलावा, व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) से मासिक योगदान बढ़कर मई में 20,904 करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल में 20,371 करोड़ रुपये था। इन योजनाओ में मासिक निवेश लगातार दूसरे महीने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक है। म्यूचुअल फंड उद्योग ने मई में कुल मिलाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह देखा, जो इससे पहले अप्रैल में 2.4 लाख करोड़ रुपये था। यह प्रवाह इक्विटी के साथ ही ऋण योजनाओं में निवेश के कारण हुआ।
इस निवेश के साथ ही उद्योग की प्रबंधन के तहत शुद्ध संपत्तियां (एयूएम) बढ़कर मई के अंत में 58.91 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो अप्रैल के अंत में 57.26 लाख करोड़ रुपये थीं। आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी से जुड़ी योजनाओं में मई में 34,697 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो अप्रैल के 18,917 करोड़ रुपये के आंकड़े से काफी अधिक है।