साल 2020 और 2021 कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित साल रहे थे। देशव्यापी लॉकडाउन और कोरोना प्रतिबंधों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी थी। काम धंधे ठप पड़ने से लोग कर्ज के जाल में फंस गए थे। इसके बाद 2022 में धीरे-धीरे हालात सुधरे। कारोबार फिर से पटरी पर आया। जो लोग कर्ज के जाल में फंसे थे, उन्होंने अपने लोन चुकाने शुरू किये। अब साल 2023 की बात करें, तो यह कोविड के बाद आम आदमी के लिए सबसे राहतभरा साल कहा जा सकता है। व्यापार-धंधे अच्छे चले, तो जीडीपी ग्रोथ भी अनुमान से अधिक दर्ज हुई। हालांकि, इस साल सब्जियों की महंगाई ने आम आदमी को परेशान किया। आइए जानते हैं, कि साल 2023 आम-आदमी के लिहाज से कैसा रहा है।
लोगों के खूब चले काम-धंधे
चाहे छोटे शहर हों या मेट्रो सिटी, साल 2023 में बाजारों में अच्छी रौनक देखने को मिली। रेस्टोरेंट्स फुल नजर आए। बाजारों और मॉल्स में लोगों की भीड़ दिखी। इसका सीधा असर जीडीपी ग्रोथ पर पड़ा। दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए 7.6 फीसदी रही। मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, बिजली, गैस, वाटर सप्लाई और दूसरी यूटिलिटी सर्विसेज की शानदार परफॉर्मेंस के चलते दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान से अधिक रही है। खेती के लिहाज से भी यह साल अच्छा रहा है। चावल और दूसरे अनाजों की बंपर पैदावार हुई है। किसानों के हाथ में पैसा आया, तो उन्होंने बाजारों में अच्छी खरीदारी की।
इस साल कैसी रही महंगाई?
महंगाई की बात करें, तो बीते साल के मुकाबले यह इस साल कम रही है। साल 2023 में अधिकांश समय महंगाई आरबीआई के सहनीय स्तर के अंदर रही। यानी 4 से 6 फीसदी के बीच रही। यही कारण है कि आरबीआई ने फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट को स्थिर रखा हुआ है। पेट्रोल-डीजल के मामले में आम आदमी ने राहत की सांस ली। पेट्रोल-डीजल के दाम घटे नहीं, तो बढ़े भी नहीं। हालांकि, कुछ सब्जियों की महंगाई ने काफी परेशान किया। जुलाई-अगस्त में टमाटर के दाम 200 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गये थे। इसके बाद सरकार को रियायती दर पर टमाटर बेचने पड़े। टमाटर के बाद प्याज की कीमतों ने लोगों को परेशान किया। हालांकि, अब प्याज की कीमतों में कुछ गिरावट आई है। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.5 फीसदी रही है। वहीं, खाद्य महंगाई दर 8.7 फीसदी रही।
कितना मिला रोजगार?
रोजगार एक ऐसा मुद्दा है, जो आम आदमी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। साल 2023 में इस मोर्चे पर भी कठिनाई नहीं आई। साल 2023 में देश में बेरोजगारी दर में कमी आई है। श्रम मंत्रालय द्वारा हाल ही में कराए गए पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटी है। देश के शहरी क्षेत्रों में जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान बेरोजगारी दर गिरकर 7.2 फीसदी पर आ गई। यह एक साल पहले की समान अवधि में 6.6 फीसदी थी। 15 साल और इससे ऊपर की उम्र वाले लोगों में बेरोजगारी दर 6.6 फीसदी दर्ज हुई। वहीं, फीमेल लेबर फोर्स में इजाफा हो रहा है। इस तरह रोजगार के मोर्चे पर साल 2023 मिला-जुला साल रहा।
लोन EMI पर नहीं आई ज्यादा आफत
पिछले साल महंगाई दर पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में लगातार इजाफा किया था। इससे बैंकों ने भी कई बार होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन सहित कई तरह के लोन्स पर ब्याज दरों को बढ़ाया। इस साल ऐसा ज्यादा देखने को नहीं मिला। आरबीआई ने फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट को स्थिर रखा हुआ है। इस समय रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर बनी हुई है। रेपो रेट स्थिर बनी रहने से बैंकों ने लोन पर ब्याज दरों में ज्यादा बदलाव नहीं किया।