रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम का भारत के कारोबार पर कोई खास असर नहीं हुआ है और भारतीय उद्योग जगत की साख गुणवत्ता पर निकट-अवधि में इसका प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है। क्रिसिल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि बांग्लादेश संकट का प्रभाव उद्योग एवं क्षेत्र-विशेष की बारीकियों और जोखिम के आधार पर अलग-अलग होगा। उसने कहा, "हमें भारत के उद्योग जगत की क्रेडिट गुणवत्ता पर निकट-अवधि में इस घटनाक्रम का प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।
इन कंपनियों पर हो सकता है कुछ असर
हालांकि लंबे समय तक व्यवधान रहने पर कुछ निर्यात-उन्मुख उद्योगों के राजस्व और कार्यशील पूंजी चक्रों पर असर देखने को मिल सकता है।" फुटवियर, दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली कुछ कंपनियों की विनिर्माण इकाइयां बांग्लादेश में स्थित होने से उन कंपनियों पर इसका असर पड़ सकता है। संकट शुरू होने पर इन संयंत्रों को परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब अधिकांश इकाइयों का परिचालन शुरू हो गया है। इसके साथ ही क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बांग्लादेशी मुद्रा टका के रुख पर भी नजर रखनी होगी।
बांग्लादेश के साथ भारत का व्यापार बहुत कम
क्रिसिल के मुताबिक, बांग्लादेश के साथ भारत का व्यापार अपेक्षाकृत कम है। यह पिछले वित्त वर्ष में इसके कुल निर्यात का 2.5 प्रतिशत और कुल आयात का 0.3 प्रतिशत था। भारत से बांग्लादेश को होने वाले वस्तु निर्यात में मुख्य रूप से कपास और सूती धागा, पेट्रोलियम उत्पाद और बिजली शामिल हैं, जबकि आयात में मुख्य रूप से वनस्पति वसा तेल, समुद्री उत्पाद और परिधान शामिल हैं। पिछले महीने बांग्लादेश में छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के बाद अराजकता फैलने से तमाम गतिविधियां ठप पड़ गई थीं। हालांकि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मुखिया बनाने के बाद से हालात सामान्य होने लगे हैं।