Digital Rupee : डिजिटल इंडिया के दौर में भारतीय रिजर्व बैंक देश में डिजिटल रुपया की शुरुआत कर चुका है। 1 नवंबर को यह थोक बाजार के लिए और फिर 1 दिसंबर को रिटेल बाजार के लिए रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी लॉन्च की गई है। लेकिन इसे लेकर आम लोगों से लेकर कारोबारियों के बीच भारी कन्फ्यूजन भी है। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कार्यकारी निदेशक, अजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को दिल्ली में एक खास कार्यक्रम में डिजिटल रुपये को लेकर कई सवालों के उत्तर दिए।
क्या है डिजिटल रुपया
चौधरी ने बताया कि डिजिटल रुपया जैसा कि नाम से पता चलता है कि मौजूदा करंसी का डिजिटल स्वरूप है। आप जिस प्रकार से नोटों का उपयोग लेन देन में करते हैं, उसी प्रकार आप डिजिटल रुपये का उपयोग करेंगे। बस यहां फिजिकल ट्रांजेक्शन नहीं होगा। जिस प्रकार आप एटीएम से पैसे विड्रॉल करते हैं और फिर अपने बटुए में रख कर उसे खर्च करते हैं। वैसे ही डिजिटल रुपया आपके ई वॉलेट में आने के बाद बैंक को इसका मतलब नहीं होगा। इससे किया गया लेनदेन सिर्फ आप और दूसरे व्यक्ति या मर्चेंट के बीच होगा, इसमें बैंक का लेनादेना नहीं होगा।
Paytm वॉलेट या UPI से कैसे अलग
अजय कुमार चौधरी ने बताया कि यह डिजिटल रुपया काफी कुछ मौजूदा कंपनियों के ईवॉलेट या यूपीआई जैसा ही है, लेकिन यह इससे काफी अलग है। यह रिजर्व बैंक की वैधानिक करेंसी है। इस आप डिजिटल रूप में अपने पास रख सकते हैं। जब यह पायलट प्रोजेक्ट से निकल कर वैधानिक स्वरूप लेगा, तब कोई भी इसे स्वीकार करने से मना नहीं कर सकेगा।
KYC की जरूरत नहीं
डिजिटल रुपया के लिए वॉलेट खुलवाने के लिए आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा। चूंकि बैंक में आपका केवाईसी पहले से ही पूरा है, ऐसे में वॉलेट के लिए आपको अलग से केवाईसी नहीं करवाना होगा। जबकि आप पेटीएम वॉलेट आदि के लिए आपको केवाईसी की जरूरत होती है।
लागू होंगे टैक्स संबंधी नियम
डिजिटल करेंसी होने के बावजूद ई रुपया पर कालाधन या फिर टैक्स से जुड़े सभी नियम लागू होंगे। उन्होंने बताया कि जिस तरह 50 हजार या उससे अधिक के फिजिकल लेनदेन पर पैन कार्ड की जरूरत होती है। वैसे ही यहां पर भी जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा 10 लाख से अधिक के ट्रांजेक्शन पर सामान्य बैंकिंग नियमों की तरह प्रवर्तन ऐजेंसियों की नजर भी रहेगी।
सुरक्षित होगा डिजिटल रुपया
दुनिया भर में डिजिटल धोखाधड़ी के बीच ई रुपया को लेकर संशय पर बवाब देते हुए चौधरी ने आश्वस्त किया। CBDC रुपये का उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित है। यह केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी है। आरबीआई सीबीडीसी के लिए एक उचित कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में डिजिटल रुपया कुल नकदी परिचालन में 10 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल करेगा।
क्रिप्टो करेंसी नहीं है डिजिटल मुद्रा
उन्होंने कहा कि यह वास्तव में कोई क्रिप्टो करेंसी नहीं है। यह वैधानिक मुद्रा है, न कि कोई ट्रेडिंग करेंसी। उन्होंने कहा कि डिजिटल मुद्रा, निजी क्रिप्टो के जोखिमों से भी सुरक्षा प्रदान करती है और रणनीतिक स्थान को भर देगी। आरबीआई लंबे समय से देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैधता प्रदान करने के खिलाफ रहा है।
95 देश डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की तैयारी में
'डिजिटल रुपया: आगे का रास्ता' विषय पर PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के सदस्यों को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि वर्तमान में 95 देश सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी की खोज कर रहे हैं। वहीं 50 देश उन्नत अवस्था में हैं। उनके अनुसार, दक्षिण अफ्रीका और रूस सहित 90 प्रतिशत से अधिक G20 देश अपने देशों के लिए CBDC लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।
डीबीटी के लिए होगा इस्तेमाल
चौधरी ने कहा कि डिजिटल रुपया अभी शैशवावस्था में है। लेकिन आगे चलकर यह बड़ा हथियार साबित होगा। इसका उपयोग डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत सरकारी हस्तांतरण के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा इससे राज्यों के बीच लेनदेन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।