Highlights
- निर्माण लागत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि के कारण मकान महंगे हो सकते हैं
- संपत्तियों के दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की तैयारी में डेवलपर्स
- बीते दो साल में कच्चे माल की कीमतों में 100 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। रियल्टी कंपनियों के निकाय क्रेडाई ने सोमवार को कहा कि पिछले करीब 45 दिन में निर्माण लागत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि के कारण मकान महंगे हो सकते हैं। क्रेडाई के अनुसार, इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण घर बनाने वाली कंपनियों को अगले महीने से अपनी संपत्तियों के दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने पड़ेंगे।
स्टाम्प शुल्क और जीएसटी में राहत देने की मांग
क्रेडाई की महाराष्ट्र इकाई क्रेडाई-एमसीएचआई ने इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों से डेवलपर्स को इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की अनुमति देने के अलावा स्टाम्प शुल्क और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) दरों को कम करके उद्योग को राहत देने पर विचार करने की मांग की है। क्रेडाई ने कहा कि वह अपने सदस्यों को अभी निर्माण कार्य बंद करने की सलाह नहीं देगा। हालांकि, यदि मूल्यवृद्धि जारी रहती है, तो रियल्टी कंपनियों के पास परियोजनाओं को रोकने और कच्चे माल की खरीद को स्थगित करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।
बढ़ी जरूरी सामान की कीमत
क्रेडाई-एनसीआर ने हाल में कहा था कि वह निर्माण कार्य और कच्चे माल की खरीद को रोकने पर विचार कर रहा है। क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष दीपक गोराडिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, इस्पात की कीमतें 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 85 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीमेंट के दाम करीब 100 रुपये प्रति बोरी बढ़ गए हैं। ईंधन और परिवहन लागत बढ़ गई है। इसके चलते कुल निर्माण लागत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।