Home-Car Loan समेत सभी तरह के लोन लेने वालों को एक और झटका लग सकता है। दरअसल, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर कर सकता है। डॉयचे बैंक ने सोमवार को यह राय जताई है। डॉयचे बैंक का अनुमान है कि रिजर्व बैंक सितंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में चैथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है। केंद्रीय बैंक इस साल मई से रेपो दर में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है। महंगाई लगातार रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है जिसके मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में तीन बार में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। जर्मनी के बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा कि यहां से रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि की रफ्तार को कम करेगा।
महंगाई छह महीने से लक्ष्य से ऊपर
भारत में महंगाई लगातार छह महीने से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इस साल जून में खुदरा मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही। केंद्रीय बैंक ने हालांकि वैश्विक स्तर पर नरमी के संकेत के बावजूद आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। महंगाई 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी रहने का अनुमान है। आरबीआई ने पिछले मौद्रिक नीति समिति के बाद कहा था कि महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप काबू में लाने के साथ आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के इरादे से नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है।
वैश्विक संकट से बिगड़े हालात
महंगाई के बारे बारे में कहा गया है, ‘‘वैश्विक स्तर पर जारी संकट और उसके कारण उत्पन्न अनिश्चितता से मुद्रास्फीति पर असर पड़ रहा है। हालांकि, हाल में खाद्य और धातु के दाम उच्चस्तर से नीचे आये हैं और वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल भी कुछ नरम हुआ है लेकिन यह अब भी ऊंचा बना हुआ है। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ सकता है।’’