Home-Car लोन समेत दूसरे लोन की EMI और बढ़ने वाली है। भारतीय इसके संकेत अभी से मिल गए हैं। दरअसल, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक अंग्रेजी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि जून की मौद्रिक पॉलिसी में रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि महंगाई को देखते हुए मौद्रिक पॉलिसी के बीच में नीतिगत दरों को बढ़ाकर 4.40 किया गया था। अब इन्हें 5.15 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है, जो कि कोरोना पूर्व का स्तर था। यानी, आने वाले दिनों में आप पर ईमएआई का बोझ और बढ़ने वाला है। आपकी होम, कार लोन समेत दूसरी लोन की ईएमआई बढ़ेगी।
अधिकांश बैंकों ने बढ़ाया ब्याज
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अधिकांश बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इससे होम, कार लोन समेत दूसरे लोन की ईएमआई बढ़ गई है। अब अगर जून में बढ़ोतरी होती है जिसकी पूरी उम्मीद है तो महंगाई के बीच यह आम आदमी का बजट बिगाड़ने का काम करेगी। पहले से ही आम आदमी बढ़ी महंगाई से परेशान है। ऐसे में एक और बढ़ोतरी उसकी पेरशानी बढ़ाने का काम कर सकती है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी का इस तरह असर
हम अपनी जरूरतों के लिए जिस तरह से बैंकों से लोन लेते हैं, ठीक उसी तरह बैंक भी अपनी जरूरतों के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेता है। भारतीय रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो बैंक द्वारा आपको मिलने वाले लोन जैसे- होम लोन, कार लोन, पर्सलन लोन भी महंगा हो जाता है।वहीं, अगर सीआरआर बढ़ता है तो बैंकों को ज्यादा बड़ा हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होगा और उनके पास लोन के रूप में देने के लिए कम रकम रह जाएगी।