मोदी 3.0 का पहला बजट अगले महीने पेश किया जाएगा। अगामी बजट को लेकर मध्यमवर्ग को काफी उम्मीदे हैं। सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है, उसमें इनकम टैक्स में राहत समेत कई वेलफेयर स्कीम पर सरकार बजट आवंटन बढ़ा सकती है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पहली दफा घर खरीदने वाले को बड़ा तोहफा दे सकती है। जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों में कहा है कि सरकार को शहरी घरों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम वापस लानी चाहिए। रियल एस्टेट जानकारों का कहना है कि इसकी मांग लंबे समय से की जा रही है। सरकार ने संकेत भी दिए थे। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार बजट में इसकी घोषणा हो जाएगी। इस स्कीम की वापसी से पहली बार घर खरीदारों को बड़ी बचत होगी। वे अपने आशियाने के सपने को आसानी से पूरा कर पाएंगे।
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की वापसी से मिलेगा बड़ा फायदा
अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि घर खरीदारों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम वापसी बड़ा तोहफा होगा। मोदी सरकार देश के हर परिवार को घर देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। ऐसे में इस स्कीम की वापसी से घर खरीदारों को बड़ी बचत होगी। इससे न सिर्फ घर खरीदारों पर ईएमआई का बोझ कम होगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा मिलेगा। घरों की बिक्री बढ़ेगी जो रियल एस्टेट समेत पूरी इकोनॉमी के लिए फायदेमंद होगा।
सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं
केंद्र सरकार को आने वाले बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर और विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार की आर्थिक मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसकी वजह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकार को दिया गया लाभांश और टैक्स से आय में इजाफा होना है। जेफरीज का कहना है कि आने वाले बजट का अफोर्डेबल हाउसिंग, कंज्यूमर कंपनियों, कीमतों को लेकर संवेदनशील उद्योगों और पूंजीगत व्यय से प्रभावित होने वाली कंपनियों पर सकारात्मक असर होगा। हालांकि, आईटी और फार्मा उद्योग पर इस बजट का कोई असर नहीं होगा।
सरकार के पास फाइनेंशियल बफर मौजूद
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सरकार के पास अधिक पूंजीगत और सोशल खर्च के लिए 40 से 50 आधार अंक का फाइनेंशियल बफर मौजूद है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि बढ़ता हुआ इनकम टैक्स कलेक्शन सरकार को टैक्स में छूट देने की अनुमति देता है। इससे करदाताओं को राहत मिल सकती है। इसके साथ ही खर्च बढ़ने से आर्थिक गति को भी सहारा मिलेगा। साथ ही पूंजीगत व्यय को 30,000 करोड़ रुपये बढ़ाना चाहिए।
वेलफेयर स्कीम पर बढ़ सकता है बजट
जेफरीज ने उम्मीद जताई है कि इस बजट में सरकारी वेलफेयर योजनाओं के खर्च में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की जा सकती है। वहीं, उधारी के लक्ष्य को घटाया जा सकता है। इसके अलावा बजट में एफएंडओ ट्रेडिंग पर नकेल कसी जा सकती है। हालांकि, कैपिटल गेन टैक्स के रिजीम में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है।