Highlights
- दो किश्तों के साथ तीसरी किश्त का भुगतान भी समय से नहीं करने पर आवंटन रद्द होगा
- फंड की कमी से प्रोजेक्ट का काम अटक जाता है जिससे खरीदारों को घर नहीं मिल पाता
- कई प्रोजेक्ट के कुछ आवंटियों द्वारा किश्तों का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है
नई दिल्ली। फ्लैट बुक करा कर किश्तों का भुगतान नहीं करने वाले होम बायर्स की अब खैर नहीं है। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियमावली 2018 के तहत उत्तर प्रदेश रेरा ने आदेश दिया है कि तीन किश्तों का भुगतान समय पर नहीं करने वाले खरीदारों का आवंटन निरस्त किया जाएगा। दरअसल, रेरा और डेवलपर्स (आवंटियों के समूह) के बीच में हाल ही में हुई बैठक में यह मामला सामने आया है कि कई प्रोजेक्ट के कुछ आवंटियों द्वारा किश्तों का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप फंड की कमी हो रही है और परियोजनाओं को समय से पूरा होने में बाधा आ रही है। इसके बाद रेरा ने यह आदेश उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण के तहत दिया है।
'समय पर प्रोजेक्ट को पूरा करना पहला लक्ष्य'
यूपी रेरा के सचिव, राजेश कुमार त्यागी ने इंडिया टीवी को बताया कि कई परियोजनाओं के प्रोमोटरों द्वारा समीक्षा बैठकों के दौरान प्राधकिरण के संज्ञान में यह बात लाई गई कि परियोजना के कुछ आवंटियों द्वारा बचे किश्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप फंड की कमी हो रही है और परियोजनाओं के समय से पूरा करने में बाधा आ रही है। यूपी रेरा द्वारा इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रोमोटरों/आवंटियों के समूह को यह सुझाव दिया गया कि ऐसी परिस्थितियों में बचे किश्तों का भुगतान समय से न करने पर भू-सम्पदा नियमावली 2018 के नियम 9.3 (i) के अनुसार आवंटियों पर ब्याज लगाने और उनका आवंटन रद्द करने का विकल्प है। ऐसे आवंटियों को, जिन्होंने लगातार दो किश्तों का भुगतान नहीं किया है, उन्हें एसबीआई के MCLR+1 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित बचे किश्तों किश्त का एक माह के अंदर भुगतान करने की नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद अगर दो किश्तों के साथ तीसरी किश्त का भुगतान भी समय से नहीं करता है तो उसका आवंटन निरस्त हो जाएगा।
समय पर खरीदारों को प्रोजेक्ट देना मुमकिन होगा
अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि यूपी रेरा का यह एक बेहतरीन कदम है। इससे बाजार में सिर्फ अच्छे डेवलपर्स को मदद मिलेगी और उनको प्रोजेक्ट समय पर डिलिवर करने में आसानी होगी। अभी तक बहुत से खरीदार जानबूझ कर किश्त का भुगतान नहीं करते हैं जिससे फंड की कमी हो जाती है। फंड की कमी से डेवलपर्स प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा नहीं कर पाता है लेकिन इस फैसले से होम बायर्स सही समय पर फंड का भुगतान करेंगे। इससे प्रोजेक्ट को समय पर देने में मदद मिलेगी।
किश्त नहीं भरने वाले डेवलपर्स की भी खैर नहीं
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियमावली डेवलपर्स पर भी लागू होता है। ऐसे में वैसे डेवलपर्स जो जमीन का आवंटन कराने के बाद किश्तों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, आने वाले समय में उनपर भी कार्रवाई की पूरी संभावना है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बहुत ऐसे डेवलपर्स हैं जो जमीन का आवंटन पांच से 10 साल पहले कराने के बाद आज तक सिर्फ 10 से 20 फीसदी रकम का भुगतान कर पाएं हैं। ऐसे में आने वाले समय में उन पर भी कार्रवाई की पूरी संभावना हैं।