राजस्थान में सोने की दो खदानों की नीलामी के लिए तकनीकी रूप से पात्र बोलीदाताओं के रूप में वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक, जिंदल पावर और जेके सीमेंट सहित कई कंपनियां सामने आई हैं। इनके अलावा, रामगढ़ मिनरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड,हीराकुंड नैचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड और सैयद ओवैस अली भुकिया-जगपुरा स्वर्ण ब्लॉक के लिए तकनीकी रूप से पात्र बोलीदाताओं के रूप में सामने आई हैं। राजस्थान सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग (डीएमजी) की वेबसाइट के मुताबिक, कांकरिया गारा स्वर्ण ब्लॉक के लिए हीराकुंड नैचुरल रिसोर्सेज, पोद्दार डायमंड, ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग, हिंदुस्तान जिंक और जेके सीमेंट पात्र बोलीदाताओं के रूप में उभरकर सामने आई हैं।
दोनों ब्लॉक की नीलामी इसी हफ्ते
खबर के मुताबिक, वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, सोने के इन दोनों ब्लॉक की नीलामी इसी हफ्ते होगी। इन दोनों खदानों की नीलामी की प्रक्रिया इसी साल मार्च में शुरू हुई थी। आंध्र प्रदेश में स्थित देश की पहली बड़ी निजी स्वर्ण खदान का पूर्ण पैमाने पर उत्पादन 2024 के आखिर तक शुरू होने की उम्मीद है। जोन्नागिरी स्वर्ण परियोजना पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू होने के बाद सालाना लगभग 750 किलोग्राम सोने का उत्पादन करेगी।
क्षेत्र में है सोने का बड़ा भंडार
रिपोर्ट के मुताबिक, बांसवाड़ा के भुकिया-जगपुरा क्षेत्र में सोने के बड़े भंडार हैं। खबर के मुताबिक, इस क्षेत्र में तांबे की खोज के दौरान भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के भूवैज्ञानिकों द्वारा की गई खोज के दौरान पहली बार यहां सोने के संकेत देखे गए थे। गहन खोज के बाद 940.26 हेक्टेयर क्षेत्र में 113.52 मिलियन टन सोने के अयस्क का प्रारंभिक मूल्यांकन किया गया, जिसमें सोने की धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई। इससे इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयरबैग आदि सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अभूतपूर्व अवसर पैदा होंगे। सह-खनिज से संबंधित उद्योगों में नए निवेश से राजस्व के मौके होंगे।