NCLT ने रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) पर नियंत्रण के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स की तरफ से पेश 9,650 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दे दी। इसमें कर्जदाताओं को 63 प्रतिशत बकाया का नुकसान उठाना पड़ेगा। एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने रिलायंस कैपिटल के लिए जून, 2023 में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड की तरफ से पेश कर्ज समाधान योजना को मंजूरी दी। आईआईएचएल ने कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए दिवाला प्रक्रिया के तहत दूसरे दौर की नीलामी में यह बोली लगाई थी। एनसीएलटी की तरफ से स्वीकृत कर्ज समाधान योजना में कंपनी के कर्जदाताओं को 63 प्रतिशत का तगड़ा नुकसान यानी ‘हेयरकट’ झेलना होगा।
नवंबर, 2021 में बर्खास्त हुआ था कंपनी का बोर्ड
कंपनी के खिलाफ किए गए 38,526.42 करोड़ रुपये के कुल दावों में से सिर्फ 26,086.75 करोड़ रुपये के दावों को ही न्यायाधिकरण ने स्वीकार किया है। बोली प्रक्रिया में विजेता घोषित की गई आईआईएचएल ने स्वीकृत दावों का सिर्फ 37 प्रतिशत यानी 9,661 करोड़ रुपये ही चुकाने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि कर्जदाताओं को अपने बकाया दावों का 63 प्रतिशत हिस्सा नहीं मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2021 में अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को प्रशासनिक मुद्दों और भुगतान चूक की वजह से बर्खास्त कर दिया था। उस समय केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया था, जिन्होंने कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए फरवरी, 2022 में बोलियां आमंत्रित की थीं।
IIHL के पास आ जाएगा मालिकाना हक
एनसीएलटी की मुंबई पीठ के न्यायमूर्ति वीरेंद्रसिंह जी बिष्ट और तकनीकी सदस्य प्रभात कुमार की पीठ ने कर्ज समाधान योजना को स्वीकृति देते हुए कहा कि इस योजना को 99.60 प्रतिशत कर्जदाताओं ने मंजूर किया हुआ है। और यह ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता में निर्धारित सभी शर्तों का पालन करती है। समाधान योजना पूरी होने पर रिलायंस कैपिटल की बहुलांश हिस्सेदारी आईआईएचएल के पास आ जाएगी और शेयर बाजारों पर रिलायंस कैपिटल की सूचीबद्धता खत्म हो जाएगी। एनसीएलटी ने आयकर आयुक्त की आपत्ति को खारिज करते हुए आरकैप के 13,523 करोड़ रुपये के घाटे को समायोजित करने की अनुमति दे दी।
38,000 करोड़ का था कर्ज
एनसीएलटी ने आरकैप का औसत उचित मूल्य 16,696 करोड़ रुपये और औसत परिसमापन मूल्य 13,158.46 करोड़ रुपये आंका है। सुरक्षित कर्जदाताओं को 481.88 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान मिलेगा। जबकि अन्य लेनदारों और हितधारकों द्वारा किए गए 15,403.78 करोड़ रुपये के कुल दावों में से लगभग 96 प्रतिशत खारिज कर दिए गए हैं। रिलायंस कैपिटल पर 38,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था और चार आवेदकों ने शुरू में समाधान योजनाओं के साथ बोली लगाई थी। हालांकि, लेनदारों की समिति ने कम बोली मूल्य होने से उन्हें नकारते हुए दूसरे दौर की नीलामी आयोजित की थी जिसमें आईआईएचएल और टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने शिरकत की थी।