जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की दुकान अब बंद हो गई है। कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने खुद कहा है कि उन्होंने कंपनी को बंद करने का फैसला लिया है। एंडरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह ऐलान किया। उन्होंने लिखा, 'हमारी योजना थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद कंपनी को बंद कर दिया जाए और वह दिन आज आ गया है।' यह फर्म ग्राउंड ब्रेकिंग फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन का काम करती थी। इसकी स्थापना साल 2017 में हुई थी। एंडरसन ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'हमने कुछ साम्राज्यों को हिला दिया, जिन्हें हमें लगा कि हिलाने की जरूरत है।'
जांच में कुछ नहीं आया सामने
साल 2023 के पहले महीने में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर कई आरोप लगाए गए थे। गौतम अडानी उस समय दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे। इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर 80% तक गिर गए थे। हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट राजनीतिक गलियारों में भी काफी गरमाई थी। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया। बाद में सेबी की जांच में भी कुछ नहीं सामने आया। जब आरोपों में सच्चाई नहीं निकली तो अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर फिर से ऊपर आ गए। गौतम अडानी ने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट न सिर्फ ग्रुप को अस्थिर करने के लिए आई, बल्कि भारत को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के लिए भी लायी गई।
इन कपंनियों पर भी पब्लिश की थी रिपोर्ट
अडानी ग्रुप के अलावा हिंडनबर्ग रिसर्च डोरसी के ब्लॉक इंक और इकान के इकान एंटरप्राइजेज जैसी कई बड़ी फर्म्स पर रिपोर्ट पब्लिश कर चुकी है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, उस साल इन तीनों कंपनियों की कुल संपत्ति को 99 अरब डॉलर का झटका लगा। जबकि इन ग्रुप्स की लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में से 173 अरब डॉलर गिर गए। एंडरसन ने अपनी पोस्ट में कंपनी के सफर और संघर्षों के बारे में बताया है। हिंडनबर्ग रिसर्च को तीन मुकदमों और वित्तीय चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। एंडरसन ने हिंडनबर्ग द्वारा डेवलप रिसर्च और प्रोसेस को ओपन-सोर्स करने का प्लान भी शेयर किया है।