ऐसा जान पड़ता है कि विभिन्न कारोबारों से जुड़ा अडानी ग्रुप अब पूरी तरह से हिंडनबर्ग के प्रभाव से बाहर आ गया है। ग्रुप ने एक सप्ताह के भीतर 1.2 अरब डॉलर का कॉपर प्लांट खोला। ओड़िशा में बंदरगाह खरीदा और सीमेंट कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ायी। साथ ही प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाली मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ गठजोड़ भी किया है। ग्रुप ने पिछले एक सप्ताह में शेयर बाजारों को दी सूचना और प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से अपने मुख्य बंदरगाह कारोबार में विस्तार और निवेश, धातु रिफाइनिंग में विविधीकरण, दो साल पुराने सीमेंट सेक्टर में पूंजी डाले जाने और अपनी वृहत सौर परियोजना के चालू होने के मामले में लगातार हो रही प्रगति की घोषणा की है। इसकी शुरुआत 26 मार्च को अडानी पोर्ट्स के गोपालपुर पोर्ट में 3,350 करोड़ रुपये के पर 95 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की घोषणा के साथ हुई। इससे उसके नियंत्रण में बंदरगाहों की संख्या 15 हो गई। यह देश में किसी भी निजी कंपनी के पास बंदरगाहों की सर्वाधिक संख्या है। इसके बाद ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लि. ने 28 मार्च को गुजरात के मुंदड़ा में एक ही स्थान पर दुनिया के सबसे बड़े कॉपर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के पहले चरण की घोषणा की। यह ग्रुप के मेटल रिफाइनिंग के सेक्टर में प्रवेश को बताता है।
देश में तेजी से बढ़ रहा तांबे का उत्पादन
कुल 1.2 अरब डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपये) के प्लांट ने भारत को चीन और अन्य देशों में शामिल होने में मदद की है। ये देश तेजी से तांबे का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। यह कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन के कम उपयोग के लिहाज से महत्वपूर्ण मेटल है। ऊर्जा बदलाव के लिहाज से महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिक वाहन (EV), चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर फोटोवोल्टिक्स (PV), पवन और बैटरी सभी में कॉपर की आवश्यकता होती है। उसी दिन ग्रुप के प्रमोटर गौतम अडानी और उनके परिवार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स में हिस्सेदारी बढ़ाकर 66.7 प्रतिशत करने के लिए 6,661 करोड़ रुपये का निवेश की घोषणा की। एक दिन बाद, ग्रुप की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई अडानी ग्रीन एनर्जी लि. ने गुजरात के खावड़ा में अपनी 775 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की।
खावड़ा में बन रहा विशाल सौर फार्म
खावड़ा वह स्थान है, जहां अडानी ग्रुप सौर ऊर्जा से 30 गीगावाट क्षमता की बिजली परियोजनाएं स्थापित करने के लिए एक विशाल सौर फार्म का निर्माण कर रहा है। यह ग्रुप की 2030 तक 45 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य हासिल करने की योजना का हिस्सा है। 28 मार्च को ही अडानी और उनके प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले उद्योगपति मुकेश अंबानी ने पहली बार गठजोड़ करने की घोषणा की। इसके तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अडानी पावर की मध्य प्रदेश बिजली परियोजना में 50 करोड़ रुपये में 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी और प्लांट की 500 मेगावाट बिजली का स्वयं उपयोग करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
फिर से विस्तार की राह पर है अडानी ग्रुप
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में की गई घोषणाएं इस बात का संकेत है कि अडानी फिर से विस्तार की राह पर है। हिंडनबर्ग रिसर्च के समूह के खिलाफ रिपोर्ट आने के 14 महीने बाद अडानी ने बड़े स्तर पर विस्तार की घोषणाएं की हैं। रिपोर्ट में समूह पर ‘खुलेआम शेयरों में हेराफेरी’ और बही-खाते में हेराफेरी का आरोप लगाया गया था। इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई और बाजार मूल्यांकन में एक समय करीब 150 अरब डॉलर का नुकसान हो गया था। हालांकि, समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया। कंपनी मैनेजमेंट ने हाल में निवेशकों को दी सूचना में कहा कि समूह ने अपने बुनियादी ढांचे के कारोबार के विस्तार के लिए अगले दशक में सात लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनायी है।