Saturday, September 28, 2024
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उच्च ब्याज दरों से देश की ग्रोथ रेट पर नहीं पड़ रहा असर... RBI गवर्नर ने कहा- महंगाई को रोकना सबसे जरूरी

आमतौर पर यदि ग्रोथ रेट अच्छी है और यह बनी हुई है तो यह एक साफ संकेत है कि आपकी मौद्रिक नीति और आपकी ब्याज दरें वृद्धि के रास्ते में बाधा नहीं बन रही है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: June 25, 2024 23:22 IST
आरबीआई गवर्नर...- India TV Paisa
Photo:FILE आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मंगलवार को कहा कि ऊंची ब्याज दर आर्थिक वृद्धि को बाधित नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी साफ किया कि मौद्रिक नीति का ध्यान महंगाई को कम करने पर बना रहेगा। दास ने उद्योग मंडल बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश आर्थिक वृद्धि के स्तर पर ‘प्रमुख संरचनात्मक बदलाव’ की दहलीज पर है। देश उस रास्ते पर बढ़ रहा है, जहां सालाना आधार पर 8 फीसदी वास्तविक जीडीपी ग्रोथ बरकरार रखी जा सकती है।

उच्च ब्याज दरों से ग्रोथ पर प्रभाव नहीं

उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर यदि ग्रोथ रेट अच्छी है और यह बनी हुई है तो यह एक साफ संकेत है कि आपकी मौद्रिक नीति और आपकी ब्याज दरें वृद्धि के रास्ते में बाधा नहीं बन रही है।’’ ऊंची ब्याज दर के कारण वृद्धि प्रभावित होने पर जारी बहस के बीच दास ने कहा कि ऐसी सभी चिंताएं निराधार हैं और ग्रोथ की गति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की ‘नाउकास्टिंग टीम’ गतिशील तत्वों के आधार पर जून तिमाही के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रही है। यह केंद्रीय बैंक के अपने अनुमान 7.3 प्रतिशत से अधिक है।

2024-25 में 7.2% रहेगी ग्रोथ रेट

दास के अनुसार, उन्हें भरोसा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था आरबीआई के अनुमान 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘एक अच्छी ग्रोथ रेट का आउटलुक हमें महंगाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्पष्ट रूप से गुंजाइश देता है।’’ दास ने आने वाले समय में महंगाई में कमी लाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शतरंज का उदाहरण दिया। उन्होंने साफ किया कि एक गलत कदम हमें राह से भटका सकता है। उन्होंने कहा कि महंगाई पर मुस्तैदी से ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि मौसम की एक भी प्रतिकूल घटना मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत से ऊपर ले जा सकती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति के तहत उठाये कदमों के कारण मुद्रास्फीति 2022 में 7.8 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से कम होकर वर्तमान में 4.7 प्रतिशत रह गयी है।

उच्च महंगाई से निपटना सबसे जरूरी

उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि का निम्न स्तर सतत वृद्धि सुनिश्चित कर सकता है। दास ने कहा, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है, अर्थव्यवस्था को घरेलू और विदेशी निवेश दोनों के लिए प्रतिकूल गंतव्य बनाती है। सबसे महत्वपूर्ण, उच्च मुद्रास्फीति का मतलब लोगों, विशेषकर गरीब लोगों की क्रय शक्ति को कम करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में सरकारी व्यय से वृद्धि को गति मिल रही है। अब इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि निजी पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है और सीमेंट तथा इस्पात जैसे बुनियादी ढांचे से जुड़े क्षेत्रों में सबसे अधिक रुचि देखी जा रही है। दास ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था तभी आगे बढ़ेगी जब विभिन्न क्षेत्रों में तेजी आएगी और उन्होंने वृद्धि को गति देने के लिए सभी क्षेत्रों पर जोर देने की बात कही। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित कुछ विशेषज्ञों के भारत की वृद्धि के लिए सेवा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की बात कहे जाने के बीच उन्होंने यह बात कही है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था अपनी वृद्धि महत्वकांक्षा को हासिल करने के लिए विनिर्माण या सेवा में से किसी एक पर निर्भर नहीं रह सकती है।

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