आने वाले दिनों में आपको महंगी दवाइयां कम कीमत में मिल सकती है। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि सरकार अधिक मूल्य वाली दवाओं के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए इस तरह के महत्वपूर्ण उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री ने कहा कि देश में महंगे चिकित्सा उपकरणों के कलपुर्जों का विनिर्माण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा, ‘‘स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से आयात निर्भरता को कम करने की दृष्टि से काम करते हुए सरकार उच्च मूल्य वाली दवाओं और महंगे चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।’’
दवा उत्पादन बढ़ाने के लिए पीएलआई योजना
मांडविया ने कहा कि फार्मास्युटिकल्स विभाग (डीओपी) ने चार चयनित आवेदकों को 166 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन की पहली किस्त जारी की है। सरकार की आत्मनिर्भर पहल के तहत डीओपी ने वर्ष 2021 में फार्मास्युटिकल्स के लिए पीएलआई योजना शुरू की। पीएलआई योजना के तहत वित्तीय परिव्यय छह साल की अवधि में 15,000 करोड़ रुपये है। योजना के तहत अब तक 55 आवेदकों का चयन किया गया है, जिनमें 20 सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-2023 पीएलआई योजना के लिए उत्पादन का पहला वर्ष है। इसके लिए डीओपी ने बजट परिव्यय के रूप में 690 करोड़ रुपये तय किए हैं।
रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे
मंत्रालय ने कहा कि योजना अवधि के दौरान फार्मास्युटिकल क्षेत्र में 17,425 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के मुकाबले,त् इन 55 आवेदकों द्वारा योजना के कार्यान्वयन के पहले वर्ष में ही 16,199 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। छह साल की योजना अवधि में एक लाख के अपेक्षित रोजगार के मुकाबले अब तक 23,000 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। इसने कहा कि डीओपी को 15 आवेदकों से करीब 544 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा मिला है। इसने कहा कि मूल्यांकन के आधार पर चार आवेदकों-डॉ.रेड्डीज लैब, बायोकॉन लिमिटेड, स्ट्राइड्स फार्मा साइंस लिमिटेड, प्रीमियर मेडिकल कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड - को 221 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन दावों के योग्य पाया गया और इस राशि का 75 प्रतिशत (रु.165.74 करोड़) जारी कर दिया गया है। अब तक 34 अधिसूचित थोक दवाओं के लिए 51 परियोजनाओं का चयन किया गया है। इसके अलावा, 3,420 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना के तहत कुल 21 आवेदकों का चयन किया गया है।