Highlights
- आप जो पॉलिसी ले रहे हैं, वह OPD कवर दे रहा है या नहीं
- बीमा कंपनियां ओपीडी कवर को भी इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल करने लगी हैं
- ओपीडी और डेंटल केयर का खर्च ज्यादातर कंपनियां अपनी पॉलिसी में शामिल नहीं
Health Insurance:
बदलते लाइफ-स्टाइल और प्रदूषण के कारण हर उम्र के लोगों में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। इस कारण हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मौजूदा समय में इलाज के भारी-भरकम खर्च को देखते हुए भी हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी हो गया है। हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि आप जो पॉलिसी ले रहे हैं, वह आउट पेंशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) कवर दे रहा है या नहीं।
क्या होता है OPD कवर
ज्यादातर बीमा कंपनियां ग्राहकों की स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए बीमा कंपनियां ओपीडी कवर को भी इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल करने लगी हैं। ओपीडी खर्चों में बुखार, दांतों का इलाज, टेस्ट, वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण व डाक्टर की फीस और दवाओं का खर्च कवर किया जाता है। एलआईसी अपनी स्वास्थ्य बीमा योजना हेल्थ प्लस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड एडवांस प्लस और अपोलो म्यूनिख मैक्सिमा हेल्थ पॉलिसी के तहत ओपीडी के खर्चों को कवर करती हैं। जबकि बाकी अन्य साधारण बीमा कंपनियां ओपीडी को राइडर रूप में ग्राहकों को देती हैं।
ओपीडी कवर के फायदे
साधारण हेल्थ इंश्योरेंस में कवर सिर्फ हास्पिटल में भर्ती होने वाले या गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीजों को ही मुहैया कराया जाता है। ओपीडी और डेंटल केयर का खर्च ज्यादातर कंपनियां अपनी पॉलिसी में शामिल नहीं करती हैं। वहीं, ओपीडी कवर से युक्त हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में मेडिकल कंसलटेशन के लिए हॉस्पिटल या क्लिनिक के आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में जा रहे हैं तो इसके लिए भी इंश्योरेंस कवर मिलता है।
कैसे करें क्लेम
ओपीडी खर्च का दावा करने के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन और मेडिकल खर्च का ब्योरा पॉलिसीधारक को देना होता है। हालांकि, ज्यादातर कंपनियां ओपीडी खर्च की राशि कुल बीमा राशि से बहुत कम तय करती है। यदि 3 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस है तो बीमा कंपनियां आठ से दस हजार रुपए ओपीडी पर खर्च करने के लिए तय करती हैं। पॉलिसीधारक, पॉलिसी अवधि के दौरान सिर्फ एक बार ही ओपीडी खर्च का दावा कर सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस क्यों खरीदना चाहिए?
हेल्थ इंश्योरेंस से आपको बेहतर वित्तीय योजना बनाने में मदद मिलती है। दूसरा लाभ यह है कि स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान आपको धारा 80डी के तहत टैक्स छूत मिलती है। आप एक वित्तीय वर्ष में 25,000 रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर आप 20 साल की उम्र में कोई हेल्थ पॉलिसी खरीदते हैं, तो आपको कम उम्र से ही धारा 80डी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलना शुरू हो सकता है।
अगर कम उम्र में खरीदारी से चूक गए तो क्या करें
आप स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी 30 या 40 की उम्र तक बिना चिकित्सीय जांच के खरीद सकते हैं। यदि खरीदार की आयु 45 वर्ष से अधिक है, तो अधिकांश स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य जांच के लिए कहती है। यदि आपकी आयु 45 वर्ष से अधिक है और आपको पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी बीमारी नहीं है, तो आप केवल बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य जांच कराकर स्वास्थ्य पॉलिसी खरीद सकते हैं।