बढ़ते मेडिकल खर्चों को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय में काफी जरूरी हो गया है। इस कारण से बड़ी संख्या में लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीद लेते हैं, लेकिन देखा जाता है कि कई बार जरूरत के समय हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आपका क्लेम खारिज कर दिया जाता है। इस समस्या को देखते हुए हमने प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकेर के डायरेक्टर, राकेश गोयल से बातचीत की है और उन कारणों के जानने की कोशिश की है, जिनकी वजह से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो जाते हैं।
किन कारणों से रिजेक्ट होता है हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम?
1.बीमारी कवर न होना: वेटिंग पीरियड या कोई विशेष बीमारी इंश्योरेंस में कवर न होने के कारण भी कई बार इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से क्लेम को रिजेक्ट कर दिया जाता है। इस वजह से इंश्योरेंस लेते समय हमेशा देखना चाहिए कि कौन-कौन सी बीमारियां इसमें कवर की गई हैं।
2.पुरानी बीमारी: ज्यादा इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से पुरानी बीमारियों को कवर नहीं किया जाता है। ऐसे में जब भी इनसे जुड़ा कोई क्लेम आता है तो इंश्योरेंस कंपनियां रिजेक्ट कर देती है।
3.समय से क्लेम न करना: हर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से क्लेम दायरे करने के लिए एक डेडलाइन दी जाती है। अगर वह निकल जाती है तो आपके लिए क्लेम दायर करना मुश्किल हो जाता है।
4.नॉन-ऑथराइजेशन: कुछ बीमारियों को लेकर इंश्योरेंस कंपनी का प्री-एप्रूवल या ऑथराइजेशन लेना आवश्यक होता है। ऐसे में अगर आप कोई ऐसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं जो ऑथराइजेशन के तहत आती है तो इंश्योरेंस कंपनी से एप्रूवल लेने के बाद ही इलाज कराए। इससे आपको क्लेम लेने में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
5.जानकारी छुपना: कई बार इंश्योरेंस धारक की ओर से अपनी हेल्थ को लेकर बीमा कंपनी को सही जानकारी नहीं दी जाती है, लेकिन जब डॉक्टरों की ओर से रिपोर्ट की जांच की जाती है तो वह बीमारी साफ निकल कर आती है। ऐसे में कंपनी द्वारा क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है।