आरबीआई की पाबंदियों के चलते मुश्किल में फंसा पेटीएम संकट से बाहर निकलने की कोशिश में एचडीएफसी बैंक के साथ भी बातचीत कर रहा है। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एचडीएफसी बैंक प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़े कर्जदाता है। एचडीएफसी बैंक के कंट्री प्रमुख (पेमेंट) पराग राव ने कहा कि बैंक स्वीकृति और एग्रीगेटर सेक्टर में अपनी साझेदारी को देखते हुए भी पेटीएम के साथ बातचीत कर रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बैंक इस मामले में ‘wait and watch’ की नीति पर चल रहा है।
पेटीएम ने मांगा है कई बैंकों से सपोर्ट
रिजर्व बैंक की पाबंदियों के बाद पेटीएम ने कई बड़े बैंकों से सपोर्ट के लिए संपर्क साधा है। इसी सिलसिले में वह एचडीएफसी बैंक के साथ भी बातचीत कर रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा, ‘‘पेटीएम हमारे स्वीकृति व्यवसाय, हमारे एग्रीगेटर व्यवसाय के लिए वर्षों से साझेदार रहा है। मौजूदा हालात में हमें अधिक मालूम नहीं है कि क्या हो रहा है। लेकिन हम बात कर रहे हैं। इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं कि घटनाएं किस तरह घटती हैं।’’
वन97 कम्युनिकेशंस के साथ है साझेदारी
हालांकि, राव ने स्पष्ट किया कि पेटीएम के साथ एचडीएफसी बैंक की साझेदारी मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के साथ है, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के साथ नहीं। आरबीआई ने पेटीएम की इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का बीते बुधवार को निर्देश दिया था। इस पर राव ने कहा कि बाजार में हर ‘उथल-पुथल’ अन्य पार्टिसिपेंट्स के लिए अवसर खोलती हैं। क्योंकि समझदार ग्राहक खुद को नए सिरे से संगठित करते हैं।
घटनाओं पर नजर रखेगा बैंक
उन्होंने कहा कि फास्टैग, प्रीपेड कार्ड की पेशकश और साउंड बॉक्स के लिए भी आकर्षण देखा जा रहा है। इसके साथ ही राव ने कहा कि पेटीएम पर आरबीआई के गंभीर प्रतिबंध के बाद से एचडीएफसी बैंक के पेमेंट ऐप और दुकानदार व्यवसाय को लेकर आकर्षण बढ़ा है। राव ने कहा कि पेटीएम पर लगाए गए प्रतिबंध 29 फरवरी से प्रभावी होंगे और एचडीएफसी बैंक अगले दो हफ्तों में होने वाली घटनाओं पर नजर रखेगा।