रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई जेट खरीदने के लिए प्रमुख सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 13,500 करोड़ रुपये का सौदा किया है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विमान में 62.6 प्रतिशत हिस्सा घरेलू सामग्री का होगा। भारतीय वायुसेना के लिए रूसी मूल के एसयू-30एमकेआई जेट खरीदे जा रहे हैं। इन जेट का निर्माण अब एचएएल द्वारा अंतर-सरकारी ढांचे के तहत किया जा रहा है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “रक्षा मंत्रालय ने 12 एसयू-30एमकेआई लड़ाकू जेट खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 13,500 करोड़ रुपये का करार किया है। इन विमानों में 62.6 प्रतिशत घरेलू सामग्री होगी, जबकि प्रमुख कलपुर्जों का निर्माण भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा किया जाएगा।”
नासिक डिविजन में होगा निर्माण
बयान में कहा गया, “यह भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक और मील का पत्थर है, जिससे हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता बढ़ेगी।” इन फाइटर जेट्स का निर्माण एचएएल की नासिक डिविजन में किया जाएगा। इन फाइटर जेट्स की सप्लाई से भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता का विस्तार होगा और देश की रक्षा शक्ति में इजाफा होगा।
पहले हुआ था यह सौदा
रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से सुखोई-30 एमकेआई विमान के 240 एएल-31एफपी एयरो इंजन खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। इन इंजनों को एचएएल के कोरापुट डिविजन में तैयार किया जाएगा। इन इंजनों से सुखोई-30 बेड़े की कैपेसिटी बढ़ेगी। कंपनी हर साल वायुसेना को 30 इंजन सप्लाई करेगा।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)