जीएसटी अधिकारी ई-कॉमर्स कंपनियों के ज्वाइंट वेयरहाउस (साझा गोदामों) पर नजर है। अधिकारियों का मनना है कि ज्वाइंट वेयरहाउस की आड़ में टैक्स चोरी संभव है। आपको बता दें कि
जीएसटी कानून के तहत ई-कॉमर्स मंच को सामान की आपूर्ति करने वाले अपना माल एक साझा गोदाम में रख सकते हैं। हालांकि, आपूर्तिकर्ताओं को अपने GSTपंजीकरण में गोदाम को कारोबार के अतिरिक्त स्थान के रूप में दिखाना आवश्यक है। अधिकारी ने कहा कि जब कई करदाता एक ही गोदाम में पंजीकरण कराते हैं, तो ‘जियो-टैग’ सभी के लिए एक ही पते को बताता है। यह कर अधिकारी को एक संकेत देता है कि कई करदाता एक ही स्थान पर स्थित हैं और यह एक संभावित धोखाधड़ी वाला पंजीकरण हो सकता है। अधिकारी ने कहा कि कराधान और पंजीकरण मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं।
एक ही गोदाम में कई कारोबारी के पते
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नियमों के तहत कई आपूर्तिकर्ताओं के एक ही गोदाम को अपने ‘कारोबार के अतिरिक्त स्थान’ के रूप में बताये जाने के बाद ऐसे गोदामों के लिए कराधान का मुद्दा सामने आया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इसपर काम कर रहे हैं कि क्या ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से कई आपूर्तिकर्ताओं के माल को रखने के लिए बनाये गये गोदामों के लिए ‘साझा कार्यस्थल’ या ‘सह-कार्य स्थान’ धारणा को लागू किया जा सकता है या नहीं।’’
जीएसटी अधिकारियों के साथ बैठक हुई
उन्होंने कहा कि दूसरा मुद्दा यह है कि जिस गोदाम में कई आपूर्तिकर्ता अपना माल रखते हैं, उसे किसी एक आपूर्तिकर्ता की चूक के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। इसके अलावा, एक जोखिम यह भी है कि कर अधिकारी ऐसी गड़बड़ी के लिए खुद ई-कॉमर्स परिचालकों को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, जिससे उनके कारोबार पर असर पड़ सकता है। ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा बनाये गये गोदामों के पंजीकरण के मुद्दे पर इस महीने की शुरुआत में एक बैठक में केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों के बीच चर्चा की गई थी।
अभी क्या करना है, फाइनल नहीं
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह अभी चर्चा के स्तर पर है। ई-कॉमर्स गोदामों के लिए साझा कार्यस्थल विचार को लागू किया जा सकता है या नहीं, इस पर विधि समिति में चर्चा की जाएगी और फिर जीएसटी परिषद के समक्ष इसे रखा जाएगा।’’ जीएसटी परिषद के तहत विधि समिति में केंद्रीय और राज्य कर अधिकारी शामिल हैं। ऑडिट और परामर्श कंपनी मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि ई-कॉमर्स के विकास के साथ कई कंपनियों को विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं के लिए साझा गोदाम बनाए रखने की आवश्यकता सामने आई है। ऐसे गोदाम हजारों आपूर्तिकर्ताओं को सेवाएं दे रहे हैं।
समाधान की जल्द जरूरत
जीएसटी अधिकारियों ने हाल ही में ‘जियो-टैगिंग’ लागू की है। इसके तहत करदाताओं को सभी पंजीकृत परिसरों के लिए ‘जियो-टैग’ प्रदान करने की जरूरत होगी। इससे कर अधिकारियों को पंजीकृत करदाताओं के सटीक स्थानों के बारे में जानकारी मिलती है। मोहन ने कहा, ‘‘एक ही पता दिखाने वाले कई करदाताओं के मामले में इन गोदामों के भीतर काम करने वाले करदाताओं और उन्हें प्रबंधित करने वाली कंपनियों दोनों के लिए जांच का कारण बन सकता है। यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उद्योग स्तर पर इसके समाधान की जरूरत है।’’