Highlights
- 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले को इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा
- 500 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए एक अक्टूबर 2020 से ई-चालान अनिवार्य
- इस बदलाव से इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी धोखाधड़ी में भी कमी होगी
नई दिल्ली। 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है। इसके साथ ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून का नया नियम भी 1 अप्रैल से लागू हो रहा है। नए नियम के तहत 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों को एक अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अनुसार, 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों को एक अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा।
अब तक 100 करोड़ टर्नओवर वाले ही दायरे में
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत बी2बी लेनदेन पर 500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए एक अक्टूबर 2020 से ई-चालान अनिवार्य कर दिया गया था। बाद में इसे एक जनवरी 2021 से 100 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए अनिवार्य बना दिया गया। पिछले साल एक अप्रैल से 50 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियां बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान काट रही थीं। अब इसके दायरे में 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को लाया जा रहा है।
कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी
ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर बिपिन सपरा ने कहा कि इस कदम से कर अनुपालन सरल होगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी धोखाधड़ी में भी कमी होगी। गौरतलब है कि हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये कर चोरी की गई। इसको देखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है। हाल के महीनों में जीएसटी संग्रह में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है और यह 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बना हुआ है।