जीएसटी दरों (GST Rates) को युक्तिसंगत बनाने और हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस पर दर कम करने के बारे में सुझाव देने के लिए गठित दो मंत्री समूहों (GoM) की शनिवार को बैठक होगी। स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर दर कम करने पर गठित जीओएम की यह पहली बैठक होगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई वाला मंत्री समूह बीमा प्रीमियम पर टैक्स की दर को 18 प्रतिशत से कम करने के बारे में सुझाव देगा। चौधरी की अगुवाई में एक अन्य मंत्री समूह की भी बैठक होगी, जिसे जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित किया गया था।
टैक्स घटाने पर होगी चर्चा
इस बैठक में स्लैब को कम करने, अधिक वस्तुओं को पांच प्रतिशत टैक्स के दायरे में लाने, चिकित्सा एवं औषधि से संबंधित वस्तुओं, साइकिल और बोतलबंद पानी पर टैक्स को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा होगी। यह मंत्री समूह 12 और 18 प्रतिशत की दरों के विलय की संभावना पर भी चर्चा कर सकता है। छह सदस्यीय समूह में आम लोगों के इस्तेमाल वाली वस्तुओं पर टैक्स की दर कम करने से राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए गैस-युक्त (एयरेटेड) पानी और पेय पदार्थों जैसी वस्तुओं पर दरें बढ़ाने पर चर्चा होगी।
4 तरह के हैं टैक्स
फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर (GST) में करों की चार-स्तरीय संरचना है, जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें हैं। जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं को या तो कर से छूट दी जाती है या फिर सबसे कम स्लैब में रखा जाता है। वहीं, विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं को सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में रखा जाता है। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने की संभावना तलाशने के लिए भी एक मंत्री समूह गठित किया था। इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
सरकार को कितना हो रहा फायदा?
यह जीओएम बुजुर्गों, मध्यम वर्ग और मानसिक बीमारी वाले लोगों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित स्वास्थ्य/चिकित्सा बीमा की कर दर के बारे में सुझाव देगा। पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाकर 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था। वहीं, स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।