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GST Council Meeting: गैर भाजपाई राज्यों ने बताया राजस्व बंटवारे का नया फॉर्मूला, मांगी 80% हिस्सेदारी

आज हुई बैठक में विपक्ष शासित राज्यों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत अपने राजस्व को बचाने के लिए राजस्व बंटवारे के फॉर्मूले को बदलने के लिए दबाव बनाना शुरू किया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 28, 2022 16:31 IST
GST- India TV Paisa
Photo:FILE

GST

GST Council Meeting: GST काउंसिल की एक खास बैठक चंडीगढ़ में चल रही है। GST कंपन्सेशन के खत्म होने के वक्त आयोजित इस बैठक में राज्यों की बेचैनी साफ दिखाई दे रही है। 2017 में लागू हुए जीएसटी में अगले 5 साल तक राज्यों को कंपन्सेशन देने की व्यवस्था की गई थी। 5 साल की यह अवधि 30 जून यानि कल खत्म हो रही है। इस बीच गैर भाजपाई राज्यों ने कंपन्सेशन की अवधि को आगे बढ़ाते हुए नए फॉर्मूले को पेश किया है। 

आज हुई बैठक में विपक्ष शासित राज्यों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत अपने राजस्व को बचाने के लिए राजस्व बंटवारे के फॉर्मूले को बदलने के लिए दबाव बनाना शुरू किया है। जीएसटी लागू होने के कारण राज्यों के राजस्व की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इस महीने खत्म हो रही है। 

क्या है फॉर्मूला 

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टी एस सिंह देव ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी से राजस्व को समान रूप से विभाजित करने के मौजूदा फॉर्मूले को बदला जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि राज्यों को 70-80 प्रतिशत का बड़ा हिस्सा दिया जाना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में देव ने कहा कि उनके राज्य को जीएसटी व्यवस्था के तहत राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। खासतौर से खनन और विनिर्माण आधारित राज्यों को जीएसटी के तहत सबसे अधिक नुकसान हुआ है। 

सीतारमण को लिखे पत्र में, देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ को पिछले वित्त वर्ष में 4,127 करोड़ रुपये, 2020-21 में 3,620 करोड़ रुपये, 2019-20 में 3,176 करोड़ रुपये और 2018-19 में 2,786 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ है। 

साल  राजस्व घाटा
2018-19 2,786 करोड़ रुपये
2019-20 3,176 करोड़ रुपये 
2020-21  3,620 करोड़ रुपये
2021-22 4,127 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री को भेजा पत्र

सीतारमण की अध्यक्षता में और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक मंगलवार को यहां शुरू हुई। बैठक 29 जून तक चलेगी। देव कोविड-19 संक्रमण के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘हम 14 प्रतिशत संरक्षित राजस्व प्रावधान को जारी रखने का प्रस्ताव जीएसटी परिषद में पेश कर रहे हैं। यदि संरक्षित राजस्व प्रावधान जारी नहीं रखा जाता है, तो सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए 50-50 प्रतिशत के फॉर्मूले को एसजीएसटी 80-70% और सीजीएसटी 20-30% में बदल दिया जाना चाहिए।’’

अगले 5 साल तक जारी रहे पुराना फॉर्मूला

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होता है तो वर्तमान मुआवजा व्यवस्था अगले पांच वर्षों तक जारी रहनी चाहिए। इस समय जीएसटी से एकत्रित राजस्व को केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है। उपकर से संग्रह का उपयोग जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई के लिए किया जाता है।

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