Highlights
- जीएसटी परिषद 12 और 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाने की मांग पर भी विचार करेगी
- बैठक में कुछ उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे में सुधार पर भी चर्चा की जाएगी
- दरों को युक्तिसंगत बनाने पर राज्यों के मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की आज होने जा रही है। इस बैठक में अन्य बातों के अलावा दरों को युक्तिसंगत बनाने पर राज्यों के मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी। आमने-सामने की इस बैठक में कुछ उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे में सुधार पर भी चर्चा की जाएगी।
एक अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक 30 दिसंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली बजट-पूर्व बैठक का विस्तार होगा। दर युक्तिकरण से संबंधित मंत्री समूह (जीओएम) परिषद को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। समिति ने रिफंड भुगतान को कम करने में मदद करने के लिए एक उलट शुल्क संरचना के तहत वस्तुओं की समीक्षा की है।
फिटमेंट कमेटी, जिसमें राज्यों और केंद्र के कर अधिकारी शामिल हैं, ने स्लैब और दरों में बदलाव और छूट सूची से वस्तुओं को हटाने के संबंध में मंत्री समूह को कई बड़ी सिफारिशें की हैं। वर्तमान में, जीएसटी दर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत है। वहीं विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर ऊंचे स्लैब के ऊपर उपकर भी लगाया जाता है। जीएसटी परिषद 12 और 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाने की मांग और कुछ वस्तुओं को मुक्तता की श्रेणी से हटाने पर भी विचार करेगी। इससे स्लैब को युक्तिसंगत बनाने से राजस्व पर पड़ने वाले असर को लेकर संतुलन बैठाया जा सकेगा।
जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था आगे बढ़ाने की मांग
कई राज्यों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति व्यवस्था को पांच साल तक बढ़ाने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी का राजस्व पर असर पड़ने से केंद्र-प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाई जानी चाहिए। राज्यों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट को लेकर हुई बैठक में यह मांग रखी गई। जीएसटी प्रणाली लागू होने पर राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए जून 2022 तक क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू की गई है। अब राज्य इसे पांच साल तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर में वृद्धि रोकने की मांग
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था जीएसटी परिषद की बैठक के ऐन पहले कई राज्यों ने कपड़ा उत्पादों पर एक जनवरी से प्रस्तावित नई दर को स्थगित करने की बृहस्पतिवार को केंद्र से मांग की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ यहां आयोजित बजट-पूर्व बैठक में शामिल हुए कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कहा कि वे कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में नहीं हैं। नई दर एक जनवरी 2022 से लागू होने वाली है।