Highlights
- बैठक में कपड़े पर जीएसटी की दर को बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को वापस लिया
- 1 जनवरी 2022 से कपड़ों पर महंगाई की मार का संकट फिलहाल टल गया है
- पिछली बैठक में जूतों एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला हुआ था
GST Council Meetings: नए साल पर महंगाई आपकी जेब पर कैसे कैसे हमला करेगी, इसकी एक बानगी जीएसटी काउंसिल की बैठक से पता चली है। शुक्रवार 31 दिसंबर को दिल्ली में GST काउंसिल की 46वीं महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें जीएसटी दरों को लेकर फैसला किया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को बैठक की जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने बताया कि टेक्सटाइल पर जीएसटी दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को इस समय लागू करना सही नहीं है, क्योंकि कोरोना महामारी अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में कपड़े पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को वापस ले लिया गया है। ऐसे में नए साल में कपड़े महंगे नहीं होंगे। इससे पहले सितंबर के महीने में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक हुई थी। उस बैठक में टैक्स रेट को लेकर कुछ फैसले लिए गए थे। इस बैठक में उस टैक्स रेट को वापस लेने पर विचार किया गया।
1 जनवरी से महंगे नहीं होंगे कपड़े
कपड़ों के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। 1 जनवरी से कपड़ों पर महंगाई की मार का संकट फिलहाल टल गया है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के विरोध के बाद जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को कपड़े पर टैक्स की दर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के फैसले पर रोक लगाने का फैसला किया। फरवरी में होने वाली अगली बैठक में इसकी समीक्षा की जा सकती है। बता दें कि एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल और जूतों पर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी की योजना थी। राज्य सरकारों से लेकर इन क्षेत्रों स जुड़े उद्योग और कारोबारी इसका विरोध कर रहे थे। काउंसिल की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में जूतों एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था।
टैक्स लगाने का हुआ था फैसला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और राज्य के समकक्षों की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 46 वीं बैठक में कपड़े पर टैक्स बढ़ाने के फैसले को टाल दिया गया है। वर्तमान में मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) पर कर की दर 18 प्रतिशत, एमएमएफ यार्न पर 12 प्रतिशत है, जबकि कपड़े पर 5 प्रतिशत कर लगता है। परिषद ने 17 सितंबर को अपनी पिछली बैठक में फुटवियर और कपड़ा क्षेत्रों में उल्टे शुल्क ढांचे को ठीक करने का फैसला किया था।
जानिए किन राज्यों ने किया विरोध
गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने कहा है कि वे 1 जनवरी 2022 से कपड़ा पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के पक्ष में नहीं हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के सलाहकार अमित मित्रा ने पहले केंद्र से कपड़ा पर प्रस्तावित कर की दर में बढ़ोतरी को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा था कि इससे लगभग 1 लाख कपड़ा इकाइयां बंद हो जाएंगी और 15 लाख नौकरियां चली जाएंगी।