Highlights
- GST काउंसिल की दो दिन की बैठक आज से चंडीगढ़ में शुरू
- जीएसटी स्लैब सहित कई प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की दरों में बदलाव संभव
- अस्पताल में इलाज और होटल में ठहरने के खर्च बढ़ सकता है
वस्तु एवं सेवा कर यानि GST की सर्वोच्च संस्था GST काउंसिल की दो दिन की बैठक आज से चंडीगढ़ में शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 28-29 जून को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं, जिसमें जीएसटी के स्लैब में बदलाव सहित कई प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की दरें घटाने और बढ़ाने पर फैसला हो सकता है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार पेट्रोल और डीजल के अलावा शराब को जीएसटी में लाने पर भी फैसला हो, लेकिन अभी तक इस पर स्थिति साफ नहीं है।
पेट्रोल डीजल पर होगा विचार?
जीएसटी परिषद (GST Council) को पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है। जीएसटी परिषद की बैठक के पहले पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबरॉय ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की संभावना जताई है। विवेक देबरॉयन इस बात की वकालत की है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाना संभव होगा। वित्त विधेयक 2021 पर डिबेट के दौरान भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि इससे राज्यों को सामूहिक रूप से 2 लाख करोड़ का सालाना नुकसान होगा। जबकि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो केंद्र सरकार को खुशी होगी।
यदि पेट्रोल GST में शामिल हुआ तो?
यहां पड़ सकती है महंगाई की मार
जीएसटी की बैठक में कई प्रोडक्ट और सर्विसेज की टैक्स दरों में बदलाव की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है। हाल ही में ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की बैठक में आनलाइन गेमिंग के अलावा घुड़दौड़ और कसीनो को हानिकारक सेवाएं मानते हुए इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी की सिफारिश की गई है। इसके अलावा बजट होटल में रुकना भी महंगा हो सकता है। जीएसटी काउंसिल अस्पताल में ठहरने के खर्च, पानी के पंप और घर के बर्तन पर जीएसटी दरें बढ़ा सकती है। कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली एक समिति ने कई उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी की दर बढ़ाने की सिफारिश की है।
मंत्रिस्तरीय समूह की सिफारिशें
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व में एक दूसरे मंत्रिस्तरीय समूह ने सिफारिश की है कि प्रवेश शुल्क और कैसीनो में खरीदे गए चिप्स या सिक्कों के मूल्य पर 28% जीएसटी लागू होना चाहिए। लेकिन इसे खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए व्यक्तिगत दांव पर नहीं लागू किया जाए। प्रस्ताव के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग के मामले में खिलाड़ी द्वारा भागीदारी के लिए भुगतान किए गए अमाउंट पर 28% की दर से जीएसटी लगनी चाहिए। पैनल ने सिफारिश की है कि कैसीनो, ऑनलाइन गेम और रेस कोर्स पर 28% जीएसटी लगाया जाना चाहिए।
आप किस सामान पर देते है कितना GST
सिर्फ सोने पर लगता है 3% GST
GST की मौजूदा व्यवस्था मे 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं। सिर्फ सोने के लिए एक अलग स्लैब रखा गया है। गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी पर 3% टैक्स लगता है। कुछ अनब्रांडेड और अनपैक्ड प्रोडक्ट ऐसे भी है जिनपर GST नहीं लगता।