Highlights
- ब्रांडेड दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद उत्पादों पर 5% जीएसटी लगाने का निर्णय
- बैंक से चैकबुक मंगाना भी महंगा होगा। इस पर 18% जीएसटी लगाया गया है
- बैठक में जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह (GoM) की सिफारिशें स्वीकार
GST Council Meeting: आम आदमी पर बैठे ठाले महंगाई की एक और मार पड़ी है। इस बार प्रोडक्ट की कीमत बढ़ने से नहीं बल्कि सरकार के टैक्स लगाने से महंगाई का अटैक हुआ है। इस समय चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग (GST Council Meeting) चल रही है, इसमें रोजमर्रा के काम आने वाली चीजों को माल एवं सेवा कर (GST) में शामिल कर लिया गया है। बैठक में ब्रांडेड दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त उत्पादों पर 5% जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया है। वहीं अब बैंक से चैकबुक मंगाना भी महंगा होगा। इस पर 18% जीएसटी लगाया गया है।
इन चीजों पर लगेगा 5% जीएसटी
जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह (GoM) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। यह छूट फिलहाल डिब्बाबंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों को मिलती है। इस पर 5% का जीएसटी लगाया गया है। इस छूट वापसी से महंगे होने वाले प्रोडक्ट में खाने पीने की डिब्बा बंद चीजें शामिल हैं। खुदे प्रोडक्ट पर मिल रही जीएसटी की छूट आगे भी जारी रहेगी।
बैंकिंग सेवाएं और होटल स्टे भी महंगा
जीएसटी काउंसिल ने कुछ जरूरी सेवाओं पर जीएसटी बढ़ा दिया है। इसके तहत चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है। एटलस समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
यहां मिली राहत
जीएसटी काउंसिल में इस बात पर सहमति बनी है कि भारांश औसत जीएसटी को बढ़ाने के लिये दरों को युक्तिसंगत बनाना महत्वपूर्ण है। भारांश औसत जीएसटी घटकर 11.6 प्रतिशत पर आ गया है जो जीएसटी लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत था। जीएसटी परिषद ने खाद्य तेल, कोयला, एलईडी लैंप, ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, तैयार चमड़ा और सौर बिजली हीटर समेत कई उत्पादों पर उलट शुल्क ढांचे (कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं के मुकाबले तैयार उत्पादों पर अधिक कर) में सुधार की भी सिफारिश की है।
आज कसीनो और घुड़दौड़ पर होगा फैसला
आज परिषद की बैठक का दूसरा दिन है। इस दौरान राज्यों को मिलने वाले कंपन्सेशन को आगे बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।