Highlights
- भारतीय अर्थव्वस्था कोरोना पूर्व की अवधि से भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है
- मंगलवार को आए आकड़ों के अनुसार GDP विकास दर 8.4% पहुंच गई है
- 2019 में अर्थव्यवस्था का आकार 35.61 लाख करोड़ था
साल 2020 में जब भारतीय अर्थव्यवस्था लंबे और उबाउ लॉकडाउन के दौर से गुजर रही थी और विकास के आंकड़े जमीन के भीतर गहराई छू रहे थे। तब कई अर्थशास्त्रियों ने भी उम्मीद का दामन छोड़ दिया था। विशेषज्ञ भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 5 से 10 साल की टाइमलाइन तय कर रहे थे। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के ताजा आंकड़े इस बात की ताकीद कर रहे हैं कि भारतीय अर्थव्वस्था कोरोना पूर्व की अवधि से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंगलवार को आए आकड़ों के अनुसार GDP विकास दर 8.4% पहुंच गई है। 2021-22 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच दर्ज की गई ये विकास दर उम्मीद से बेहतर है। दूसरी ओर आज आये जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों पर मुहर लगा रहे हैं। नवंबर में जीएसटी कलेक्शन 1.31 लाख करोड़ रहा है। जो कि अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह हमारी अर्थव्यवस्था के कोरोनामुक्त होने का संकेत है, क्योंकि अब यह कोरोना काल से पहले से भी ज्यादा हो गई है। 2019 में अर्थव्यवस्था का आकार 35.61 लाख करोड़ था। अब यह 35.71 लाख करोड़ हो गया है।
चीन-अमेरिका की विकास दर 4.9%
विकास दर की रफ्तार की बात करें तो भारत दुनिया में सबसे तेज रहा है। उसके बाद नंबर तुर्की का है, जिसकी विकास दर 6.9% रही है। अमेरिका और चीन हमसे पीछे हैं। दोनों की विकास दर 4.9% रही है। जापान में ये रफ्तार सिर्फ 1.4% रही है।
कोरोनाकाल में 24.4% की दर से गिरी थी अर्थव्यवस्था
2020 में अप्रैल से जून के दौरान देश की अर्थव्यवस्था 24.4% की दर से गिरी थी, अक्टूबर से नवंबर के दौरान इसमें 0.4% की बढ़त दिखी थी। 2021 में इसमें सुधार दिखाई दिया। जनवरी से मार्च में GDP 1.6% और अप्रैल से जून में 20.1% की दर से बढ़ी।
इकोनॉमी से जुड़ी खास बातें
- इस साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के टारगेट से 36.3% पर रहा है।
- कुल टैक्स कलेक्शन 10.53 लाख करोड़ रुपए रहा है। सरकार का कुल खर्च 18.27 लाख करोड़ रुपए रहा है।
- सरकार ने इस साल फिस्कल डेफिसिट 6.8% रहने का अनुमान जाहिर किया था।
माइनिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा ग्रोथ
विकास की रफ्तार को सेक्टर के हिसाब से देेखें तो सबसे ज्यादा ग्रोथ माइनिंग सेक्टर में हुई है। यहां विकास दर 15.4% पहुंच गई। इसी तरह मैन्युफैक्चरिंग में 5.5%, निर्माण गतिविधियों में 7.5%, एग्रीकल्चर सेक्टर में 4.5% की ग्रोथ रही।
मार्च 2021 में सबसे ज्यादा ई-बिल जनरेट हुआ
अक्टूबर में कुल 7.35 करोड़ ई-बिल जनरेट किए गए। इसका मतलब यह हुआ कि उसकी रकम नवंबर में सरकार के पास आई होगी। अभी तक सबसे ज्यादा ई-बिल जनरेट मार्च 2021 में हुआ था। इसी का असर अप्रैल 2021 में रिकॉर्ड कलेक्शन के रूप में दिखा। दरअसल ई-बिल जनरेट होने के अगले महीने में टैक्स वसूली का आंकड़ा सामने आता है। अक्टूबर में GST कलेक्शन 1.3 लाख करोड़ रुपए था। 2020 के अक्टूबर की तुलना में यह 34% अधिक था।
मई में 1.02 लाख करोड़ का कलेक्शन
इस वित्तवर्ष यानी अप्रैल से अब तक GST कलेक्शन देखें तो मई में 1.02 लाख करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ था। जून में यह घटकर 92,840 करोड़ रुपए रह गया। जुलाई में यह फिर 1 लाख करोड़ रुपए के पार 1.16 लाख करोड़ रुपए रहा जबकि अगस्त में 1.12 लाख करोड़ रुपए रहा। सितंबर में यह 1.17 लाख करोड़ और अक्टूबर में 1.30 लाख करोड़ रुपए था। मार्च में GST कलेक्शन 1.23 लाख करोड़ रुपए था। नवंबर 2020 से अब तक के एक साल के समय में केवल जून ही ऐसा महीना था, जिसमें कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से कम रहा। बाकी हर महीने में यह एक लाख करोड़ रुपए के पार था।