क्वालिटी टेस्ट (गुणवत्ता परीक्षण) में फेल होने के बाद वापस बुलाए गए दवाओं के बैचों की संख्या 2019-20 में 950 से बढ़कर 2023-24 में 1,394 (अनंतिम) हो गई। स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को राज्यसभा को इस बात की जानकारी दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, पटेल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग्स कंट्रोलर से हासिल जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में 1,171 बैच वापस बुलाए गए। क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद वापस बुलाए गए दवाओं के बारे में डेटा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा केंद्रीय रूप से बनाए नहीं रखा जाता है।
282 दवा नमूने नकली या मिलावटी पाए गए
खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 (अप्रैल से मार्च) के दौरान 2,988 दवा सैम्पलों को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं घोषित किया गया, जबकि 282 दवा नमूने नकली या मिलावटी पाए गए। निष्कर्षों के आधार पर, नकली/मिलावटी दवाओं के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 604 अभियोग चलाए गए। इस अवधि के दौरान कुल 1,06,150 दवा नमूनों का परीक्षण किया गया। सीडीएससीओ और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं कि देश में उत्पादित दवाएं आवश्यक सुरक्षा और प्रभावकारिता मानकों को पूरा करती हैं।
दवा निर्माण फर्मों का जोखिम-आधारित निरीक्षण
देश में दवा निर्माण परिसरों के विनियामक अनुपालन का आकलन करने के लिए, सीडीएससीओ ने राज्य औषधि नियंत्रकों (एसडीसी) के साथ मिलकर दिसंबर 2022 में दवा निर्माण फर्मों का जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया। अब तक 500 से ज्यादा कैम्पस का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया जा चुका है। दवा निर्माण फर्मों की पहचान जोखिम मानदंडों के आधार पर की गई है, जैसे कि स्टैंडर्ड क्वालिटी के मुताबिक घोषित दवाओं की संख्या, शिकायतें, उत्पादों की गंभीरता आदि।
औषधि नियम 1945 में संशोधन
निरीक्षणों के निष्कर्षों के आधार पर, राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा औषधि नियम 1945 के प्रावधानों के मुताबिक कारण बताओ नोटिस जारी करने, उत्पादन रोकने का आदेश, निलंबन, लाइसेंस/उत्पाद लाइसेंस रद्द करने आदि जैसी 400 से अधिक कार्रवाइयां की गई हैं। केंद्र सरकार ने औषधि नियम 1945 में दिनांक 28 दिसंबर 2023 को संशोधन किया है, ताकि फार्मास्यूटिकल उत्पादों के लिए परिसर, संयंत्र और उपकरणों की जरूरतों और अच्छे विनिर्माण प्रथाओं से संबंधित नियमों की अनुसूची एम को संशोधित किया जा सके। संशोधित अनुसूची एम 29 जून 2024 से 250 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले दवा निर्माताओं के लिए प्रभावी हो गई है।