Friday, November 22, 2024
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गेहूं के आयात शुल्क में जुलाई से हो सकती है कटौती! सरकार कीमतें घटाने के लिए कर रही ये खास प्लानिंग

कारोबारी सरकार से आयात नियमों में ढील देने के लिए कह रहे हैं ताकि वे ऐसे समय में आयात दोबारा से शुरू कर सकें जब रूसी उत्पादन में अधिकता के चलते अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम हैं। भारत में छह साल पहले गेहूं के आयात पर 44% शुल्क लगाया गया था।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: June 24, 2024 7:59 IST
सरकार का अनुमान है कि 2024-25 सीजन में गेहूं का उत्पादन पिछले साल के बराबर 112.9 मिलियन टन होगा।- India TV Paisa
Photo:FILE सरकार का अनुमान है कि 2024-25 सीजन में गेहूं का उत्पादन पिछले साल के बराबर 112.9 मिलियन टन होगा।

गेहूं की कीमतों को कंट्रोल करने और सप्लाई बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए सरकार गेहूं पर आयात शुल्क को कम करने की तैयारी में है। सरकार इनबाउंड शिपमेंट पर शुल्क कम करके और साथ ही अनाज पर स्टॉक सीमा लगाकर गेहूं का आयात फिर से शुरू करने की तैयारी में है। साथ ही सरकार  खुले बाजार संचालन बिक्री शुरू करने की योजना बना रही है। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, भारत में छह साल पहले गेहूं के आयात पर 44% शुल्क लगाया गया था। दुनिया भर में दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक भारत में इससे प्रभावी रूप से अनाज की शिपमेंट रुक गई थी।

मामला किसानों के लिए संवेदनशील

खबर के मुताबिक, कारोबारी सरकार से आयात नियमों में ढील देने के लिए कह रहे हैं ताकि वे ऐसे समय में आयात दोबारा से शुरू कर सकें जब रूसी उत्पादन में अधिकता के चलते अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला किसानों के लिए संवेदनशील है और किसी भी शुल्क में कटौती को ध्यान में रखना होगा। एक अधिकारी के मुताबिक, अगर भारत आयात करता है, तो यह 3-4 मिलियन टन से ज्याादा होने की संभावना नहीं है। सरकार का अनुमान है कि 2024-25 सीजन में गेहूं का उत्पादन पिछले साल के बराबर 112.9 मिलियन टन होगा।

इन बंदरगाहों पर उतर सकता है गेहूं

एक दूसरे अधिकारी का कहना है कि अगर शुल्क में कटौती की जाती है, जिससे निजी गेहूं आयात की अनुमति मिलती है, तो अंतर्राष्ट्रीय गेहूं 1 जुलाई से सभी प्रमुख दक्षिण भारतीय बंदरगाहों के जरिये भारत पहुंचने की संभावना है। मौजूदा समय में केरल के कोच्चि बंदरगाह और तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर गेहूं की उतराई कीमत $280-$290 (₹23,398-₹24,233) प्रति टन है। बंदरगाह हैंडलिंग और पैकेजिंग लागत ₹1,500 है। अगर 44% शुल्क को खत्म कर दिया जाता है, तो प्रभावी मूल्य लगभग ₹25,000 से ₹26,000 प्रति टन होगा। यह बदलाव 2023 जून की मुद्रा मूल्य के मुताबिक हैं।

मंडियों में गेहूं की घरेलू कीमत

हाजिर कारोबारियों के मुताबिक, प्रमुख मंडियों में गेहूं की घरेलू कीमत ₹26,980-27,100 प्रति टन और गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2,275 प्रति टन है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को मुख्य अनाज का अखिल भारतीय औसत मूल्य 31 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो पिछले साल की तुलना में 6.4% अधिक है और थोक मूल्य 27,720 रुपये प्रति टन था, जो पिछले साल की तुलना में 6.6% अधिक है।

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