Highlights
- सरकार नए राजमार्गों पर हेलीपैड बनाने पर विचार कर रही है
- 'प्रोजेक्ट संजीवनी' हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा शुरू होगी
- इससे आपात स्थिति में लोगों को तत्काल बचाने में मदद मिलेगी।
Highways: दुर्गम व सरकार नए राजमार्गों पर हेलीपैड बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि इससे आपात स्थिति में लोगों को तत्काल बचाने में मदद मिलेगी। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय संपर्क बढ़ाने के लिए, खासकर दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में, हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दे रहा है।
सिंधिया ने कहा, ''सभी नए राजमार्गों के साथ ही हेलीपैड होने चाहिए, ताकि बुनियादी ढांचा तैयार हो।'' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर हेलीपैड होने से आपात स्थिति के दौरान तत्काल निकासी में मदद मिलेगी। इसके लिए सरकार संबंधित राज्य सरकारों से भी बात करेगी। इस स्कीम के तहत अगले कुछ हफ्तों में 'प्रोजेक्ट संजीवनी' नाम से एक हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (एचईएमएस) को शुरू करने की भी योजना तैयार की गई है।
हेलीकॉप्टर के माध्यम से होगा रेस्क्यू
देश में हर साल लाखों लोग दुर्घटना में जान गंवाते हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण समय पर मेडिकल सेवाएं उपलब्ध न हो पाना है। शहरी या मैदानी इलाकों से ज्यादा समस्या पहाड़ी एवं दूर दराज के क्षेत्रों में होती है। इसे देखते हुए सरकार हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपात स्थितियों में लोगों को बचाने का प्लान बना रही है। इसके तहत दुर्घटना या आपात स्थिति की सूचना मिलते ही नजदीकी हेलीकॉप्टर को बचाव एवं राहत के लिए भेजा जाएगा। इसी जरूरत के लिए देश के सभी जिलों में हाइवे के नजदीक एक हेलीपेड बनाने की तैयारी की जा रही है। जहां पर आसानी से लोगों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर को उतारा जा सके।
हर जिले में हेलीपैड बनाने की वकालत
सिंधिया और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह, दोनों ने हर जिले में हेलीपैड बनाने की वकालत की है। वे राष्ट्रीय राजधानी में नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे। सरकार ने एम्स ऋषिकेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के लिए अगले कुछ हफ्तों में 'प्रोजेक्ट संजीवनी' नाम से एक हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (एचईएमएस) को शुरू करने का फैसला भी किया है। इस समय लगभग 80 समर्पित हेलीकॉप्टर गलियारे हैं।