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Rice Export Ban: सरकार ने गैर-बासमती चावल का निर्यात किया बैन, जानिए दुनिया के सबसे राइस एक्सपोर्टर ने क्यों लिया ये फैसला

भारत में चावल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने यह बैन लगाया है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20 फीसदी तेजी आई है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: July 20, 2023 19:49 IST
Rice Export Ban- India TV Paisa
Photo:FILE Rice Export Ban

भारत सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है। प्रतिबंध से भारत का लगभग 80 प्रतिशत चावल निर्यात प्रभावित हो सकता है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। बता दें कि भारत में चावल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने यह बैन लगाया है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20 फीसदी तेजी आई है। अधिसूचना जारी होने के बाद से चावल के एक्सपोर्ट से जुड़ा कोई भी सौदा नहीं हो पाएगा। हालांकि जिन एक्सपोर्ट आर्डर में जहाज पर चावल का लदान शुरू हो गया है, उस पर यह रोक लागू नहीं होगी। बता दें कि दुनिया भर में एक्सपोर्ट होने वाले चावल में भारत की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत  है। 

किन चावल पर सरकार ने लगाया बैन 

अधिसूचना के अनुसार, ‘‘गैर-बासमती सफेद चावल (अर्ध-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या नहीं) की निर्यात नीति को मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है। बता दें कि गैर बासमती चावल की कुछ किस्मों को सरकार ने पहले से ही पिछले साल बैन लगा दिया था। हालांकि, अधिसूचना में कहा गया है कि चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। 

टूटे चावल पर पहले से बैन 

भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। साथ ही दूसरे तरह कई तरह के चावल के एक्सपोर्ट पर 20 परसेंट ड्यूटी लगाई गई थी। सरकार के कदम से देश में तो चावल की कीमत में गिरावट आएगी लेकिन दुनियाभर में चावल की कीमत बढ़ सकती है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20 फीसदी तेजी आई है।

देशों के साथ शर्तों के साथ मिलेगी अनुमति

भारत दुनिया भर में चावल का एक प्रमुख निर्यातक है। लेकिन घरलू बाजार में बढ़ती कीमतों और खरीफ की बुवाई के रकबे में कमी के चलते आने वाले महीनों में चावल के संकट की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हालांकि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की मंजूरी और अन्य सरकारों के अनुरोध पर निर्यात की भी अनुमति दी जाएगी। 

मानसून की बेरुखी से धान पर संकट 

भारत में असमान मानसून की बारिश के चलते चावल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बुवाई की बात करें तो 14 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक खरीफ की बुवाई दो फीसदी कम हुई है। धान का रकबा 6.1 परसेंट और दलहन का 13.3 फीसदी है। इसकी वजह यह है कि पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम बारिश हुई है। 

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