सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए विदेशों से आयात होने वाले सेब पर कई शर्तें लगा दी हैं। इसमें सबसे बड़ी शर्त सेब की कीमतों को लेकर है। इसके तहत सरकार ने 50 रुपये प्रति किलो से कम कीमत वाले सेब के आयात पर रोक लगा दी है। अब भारत में यूरोप और एशियाई देशों से आने वाले 50 रुपये किलो से कम के भाव पर सेब का आयात नहीं किया जा सकेगा। इसमें कॉस्ट, बीमा, ट्रैवल खर्च शामिल है।
सिर्फ इस देश को अनुमति
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि अगर कीमत 50 रुपये किलो से अधिक है तो आयात की अनुमति होगी। अधिसूचना के अनुसार, ‘‘अगर सीआईएफ (लागत, बीमा, माल ढुलाई) आयात कीमत 50 रुपये किलो से कम है तो सेब के आयात पर पाबंदी होगी।’’ न्यूनतम आयात मूल्य की शर्त भूटान से होने वाले आयात पर लागू नहीं होगी। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष साल 2022-23 में अप्रैल से फरवरी के 296 मिलियन डॉलर सेब का आयात किया गया था तो वहीं साल 2021-22 भारत ने 385 मिलियन डॉलर सेब आयात किया था।
इन देशों से भारत करता है सेब का आयात
भारत को सेब निर्यात करने वाले मुख्य देशों में अमेरिका, ईरान, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, फ्रांस, बेल्जियम, चिली, इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और पोलैंड शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका से आयात 2022-23 के अप्रैल-फरवरी में 84.8 प्रतिशत बढ़कर 1.85 करोड़ टन रहा। इसी प्रकार, पोलैंड से आयात इस दौरान 83.36 प्रतिशत बढ़कर 1.53 करोड़ टन रहा। हालांकि, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस और अफगानिस्तान से आयात में कमी आई।
क्यों लगा इंपोर्ट पर बैन
देश में विदेशी सेब पर आयात पर रोक लगाने के पीछे सरकार की मंशा हिमाचल और कश्मीर के किसानों का हित है। ये किसान लंबे वक्त से सेब पर बैन लगाने की मांग कर रहे थे। उनकी कहना था कि बाहर से सेब मंगाने की वजह से घरेलू दाम प्रभावित होते हैं, जिसका नुकसान उन्हें होता है।