Highlights
- महंगाई की मार झेल रहे करोड़ों किसानों के लिए सरकार ने राहत भरा कदम उठाया
- फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए सब्सिडी को मंजूरी
- किसानों को उचित कीमत पर रासायनिक खाद उपलब्ध कराने के लिए फैसला
Relief for Farmers: महंगाई की मार झेल रहे करोड़ों किसानों के लिए सरकार ने राहत भरा कदम उठाया है। सरकार ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में डीएपी सहित फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 60,939.23 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी। किसानों को उचित कीमत पर रासायनिक खाद उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला किया गया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सत्र (एक अप्रैल, 2022 से 30 सितंबर 2022 तक) में फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले पूरे वित्त वर्ष में इन पोषक तत्वों पर लगभग 57,150 करोड़ रुपये की सब्सिडी के मुकाबले सिर्फ खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 60,939 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी गई है।
ये है सब्सिडी की दरें
ठाकुर ने बताया कि डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) पर सब्सिडी बढ़ाकर 2,501 रुपये प्रति बोरी कर दी गई है और किसानों को 1,350 रुपये प्रति बोरी की दर से डीएपी मिलती रहेगी। ठाकुर ने कहा कि डीएपी पर सब्सिडी 2020-21 में 512 रुपये प्रति बैग से बढ़ाकर 2,501 प्रति बैग कर दी गई है।
एनबीएस स्कीम का लाभ
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में उर्वरकों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों पर बोझ न बढ़े। पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना अप्रैल 2010 से लागू की जा रही है। एनबीएस नीति के तहत सरकार वार्षिक आधार पर नाइट्रोजन (एन), फॉस्फेट (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) जैसे पोषक तत्वों पर सब्सिडी की दर तय करती है।