भारत सरकार की ओर से बुधवार को संसद से चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त 1.29 लाख करोड़ खर्च करने की अनुमति मांगी है। इस राशि का इस्तेमाल किसानों को अधिक सब्सिडी और ग्रामीणों इलाकों में रोजगार सृजन कार्यक्रम चलाने के लिए किया जाएगा। ये जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध अतिरिक्त खर्च 583.78 अरब रुपये होगा, जबकि बाकी खर्चों में फेरबदल करके समायोजित किया जाएगा।
उर्वरक सब्सिडी पर खर्च किए जाएंगे 133 अरब
उर्वरक यानी फर्टिलाइजर सब्सिडी पर 133.51 अरब रुपये खर्च करेगी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन कार्यक्रम में 145.24 अरब रुपये खर्च किए जाएंगे। अगर अतिरिक्त फर्टिलाइजर सब्सिडी को मिला दिए जाए तो सरकार चालू वित्त वर्ष में 1.88 लाख करोड़ रुपये केवल फर्टिलाइजर सब्सिडी पर खर्च करने वाली है। वहीं,न्यूनतम वेतन भुगतान वाली ग्रामीण आय योजना पर सब्सिडी बढ़कर 745.24 अरब रुपये हो जाएगी।
बता दें, फर्टिलाइजर पर अतिरिक्त खर्च के बाद भी चालू वित्त वर्ष में इसकी सब्सिडी पर खर्च पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कम है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने फर्टिलाइजर सब्सिडी पर 2.51 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
खाद्य सब्सिडी पर 5,500 करोड़ अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे
केंद्र सरकार की ओर से खाद्य सब्सिडी पर 5,500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे। यह सरकार द्वारा निर्धारित किए गए 1.97 लाख करोड़ रुपये बजट से अतिरिक्त है। सरकारी आय का एक बड़ा हिस्सा खाद्य और फर्टिलाइजर सब्सिडी पर करती है।
अतिरिक्त खर्च से नहीं बढ़ेगा राजकोषीय घाटा
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि अनुमान से अधिक टैक्स कलेक्शन के चलते राजकोषीय घाटा के लक्ष्य 5.9 प्रतिशत का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।