वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने गुरुवार को कहा कि सरकार जल्द ही सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) सेक्टर के लिए एक नई ऋण गारंटी योजना शुरू करेगी, जिसके तहत 100 करोड़ रुपये तक के ऋण दिए जाएंगे। उन्होंने ‘ग्रामीण भारत महोत्सव’ के समापन अवसर पर कहा, ‘‘हम एक योजना लाने जा रहे हैं, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री ने अपने पिछले बजट में की थी। इसके तहत बिना गारंटी के 100 करोड़ रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा, यदि वे पहले से ही उद्यम चला रहे हैं।’’ इस योजना को मंजूरी के लिए शीघ्र ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘एमएसएमई को मशीनरी व उपकरण खरीदने के लिए बिना किसी गारंटी या तीसरे पक्ष की गारंटी के ‘टर्म लोन’ की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना शुरू की जाएगी। एक अलग से गठित स्व-वित्तपोषण गारंटी कोष प्रत्येक आवेदक को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी का ‘कवर’ प्रदान करेगा, जबकि ऋण राशि इससे अधिक हो सकती है।’’ उन्होंने कहा था कि उधारकर्ता को अग्रिम गारंटी शुल्क तथा घटते ऋण शेष पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा।
5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है MSME सेक्टर
वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) सेक्टर पांच करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। एमएसएमई निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2020-21 में 3.95 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 12.39 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और वैश्विक व्यापार को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई का सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 2017-18 में 29.7 प्रतिशत था, जो 2022-23 में बढ़कर 30.1 प्रतिशत हो गया। नागराजू ने कहा कि ग्रामीण भारत में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों को अधिक ऋण देने को इच्छुक है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, चार चीजों गुणवत्ता, निर्यात के लिए संपर्क, क्षमता निर्माण और उन्नत भारत के दृष्टिकोण को हासिल करने के लिए समर्थन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।