सरकार द्वारा वाणिज्यिक खनन के लिए जिन 29 कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक बोली लगाई गई है, उनसे अगले दो वर्षो में औसत ईंधन उत्पादन में अतिरिक्त 7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इन भंडारों की क्षमता (पीआरसी) लगभग 9.1 करोड़ टन है। सूत्रों ने कहा कि 29 कोयला ब्लॉकों का 91 मिलियन टन पीआरसी, जिसकी बोली लगाई गई है, कोयला भंडार के राष्ट्रीय औसत पीआरसी का अतिरिक्त 7 प्रतिशत होगा।
पहले ही दिन 29 खानों के लिए बोली मिली
सूत्रों ने बताया कि कोयला मंत्रालय ने पिछले महीने वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी के लिए 29 भंडार रखे थे, जिनमें से सभी की बोली लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि 29 खानों में से आखिरी की बोली पहले ही दिन सफलतापूर्वक लगा दी गई थी। 2024-25 तक यानी अगले दो वर्षो तक सभी 29 खानों से उत्पादन शुरू होने की संभावना के साथ सरकार उम्मीद कर रही है कि इन सभी कोयला खदानों को मिलाकर कुल राष्ट्रीय औसत उत्पादन में अतिरिक्त 7 प्रतिशत की वृद्धि होगी। मंत्रालय ने 3 नवंबर, 2022 को छठे दौर और पांचवें दौर के दूसरे प्रयास में वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला भंडार की नीलामी शुरू की थी।
नीलामी 27 फरवरी से शुरू हुई थी
इन खदानों के लिए नीलामी 27 फरवरी से शुरू हुई थी। पीआरसी एक कोयला खदान की अधिकतम उत्पादन क्षमता से संबंधित है या दूसरे शब्दों में, कोयले की अधिकतम मात्रा जो सालाना खनन की जा सकती है। वाणिज्यिक खनन निजी क्षेत्र को बिना किसी अंतिम उपयोग प्रतिबंध के व्यावसायिक रूप से कोयले का खनन करने की अनुमति देता है। निजी फर्मो के पास कोयले के गैसीकरण या निर्यात का विकल्प होगा। वे इसे अपने अंतिम उपयोग वाले संयंत्रों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं या उन्हें बाजारों में बेच सकते हैं।