Thursday, November 14, 2024
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रोटी न हो महंगी सरकार ने किया इसका इंतजाम, गेहूं स्टॉक रखने के मानदंडों को कर दिया सख्त

सरकार की तरफ से गेहूं के बनावटी किल्लत की स्थिति को रोकने और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है। गेहूं का प्रोसेस करने वालीं कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 के बाकी महीनों के अनुपात में मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत रख सकती हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: December 08, 2023 16:42 IST
व्यापारियों को अपना स्टॉक संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK व्यापारियों को अपना स्टॉक संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा।

रोटी खाना मौलिक जरूरत है, लेकिन जब यह महंगी होने लगे तो चिंता की बात है। सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को तत्काल कदम उठाए हैं। सरकार ने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसिंग फर्मों के लिए गेहूं का भंडार (स्टॉक) रखने के मानदंडों को सख्त कर दिया है। भाषा की खबर के मुताबिक केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है।

नई स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू

चोपड़ा ने कहा कि हर खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण सीमा 10 टन के बजाय पांच टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए पांच टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर 1,000 टन होगी। गेहूं का प्रोसेस करने वालीं कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 के बाकी महीनों के अनुपात में मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत रख सकती हैं। चोपड़ा ने कहा कि गेहूं के बनावटी किल्लत की स्थिति को रोकने और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है। संशोधित स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

व्यापारियों को 30 दिन का समय दिया

व्यापारियों को अपना स्टॉक संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। गेहूं भंडारण करने वाली सभी फर्मों को गेहूं स्टॉक सीमा संबंधी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा और हर शुक्रवार को अपने स्टॉक के बारे में जानकारी देनी होगी। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करने वाली फर्म के खिलाफ जरूरी वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा छह और सात के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। खाद्य मंत्रालय ने 12 जून को अनाज कारोबारियों पर मार्च, 2024 तक स्टॉक रखने की सीमा लगा दी थी।

इसके बाद 14 सितंबर को इस सीमा को और भी कम करके व्यापारियों और थोक विक्रेताओं और उनके सभी डिपो में बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए 2,000 टन कर दिया गया था। सरकार ने मई, 2022 से ही गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया हुआ है। इसके साथ मुक्त बाजार बिक्री योजना के तहत थोक उपयोगकर्ताओं को रियायती दर पर गेहूं बेचा जा रहा है।

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