सरकार ने साल 2030 तक 500 गीगावाट रिन्युएबल इनर्जी (अक्षय ऊर्जा) क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विद्युत मंत्रालय के परामर्श से एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, नवीन और रिन्युएबल इनर्जी मंत्री ने इंडस्ट्री के खिलाड़ियों और हितधारकों से ऐसी स्ट्रैटेजी तैयार करने को भी कहा है। इस पहल से देश को समयबद्ध तरीके से इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकेगा।
भारत लक्ष्य को पार करने की राह पर
खबर के मुताबिक, नवीन और रिन्युएबल ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए 500 गीगावाट लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सभी हितधारकों के प्रयासों को संरेखित करने के लिए विद्युत मंत्रालय के परामर्श से एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 212 गीगावाट ऊर्जा हासिल कर चुका है और साल 2030 के लक्ष्य को पार करने की राह पर है। सरकार स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और नवाचारों का समर्थन करना जारी रखेगी।
रिन्युएबल ऊर्जा की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत पर
देश में बिजली की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता में रिन्युएबल ऊर्जा की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत पर पहुंच गई है। देश में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावाट है। मंत्रालय ने कहा कि देश में कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 200 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) को पार कर गई है। सिर्फ एक वर्ष में भारत की क्षमता 24.2 गीगावाट (13.5 प्रतिशत) बढ़कर अक्टूबर, 2024 में 203.18 गीगावाट पहुंच गई।
देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता
देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावॉट तक पहुंच गई है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 46.3 प्रतिशत से अधिक है। परमाणु क्षमता के साथ संयुक्त रूप से देश में कुल गैर-जीवाश्म ईंधन यानी स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली घरों की उत्पादन क्षमता 211.36 गीगावाट रही जबकि 2023 में यह 186.46 गीगावाट थी। कुल 203 गीगावाट में, सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 92.12 गीगावाट, पवन ऊर्जा 47.72 गीगावाट, बड़ी पनबिजली परियोजनाएं 46.93 गीगावाट और छोटी पनबिजली परियोजनाओं की हिस्सेदारी 5.07 गीगावाट है।