भारत सरकार क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना यानी उड़ान स्कीम को अतिरिक्त दस वर्षों के लिए बढ़ाने की योजना बना रही है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने गुरुवार इस बात की जानकारी दी। उड़ान स्कीम को आगे बढ़ाने का मकसद पूरे देश में हवाई संपर्क को बढ़ाना है और इसमें सीप्लेन संचालन के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि प्रदान करने की योजनाएं शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने विमान, हेलीकॉप्टर और सीप्लेन सहित घरेलू विमान निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर चर्चा की।
विजयवाड़ा से अक्टूबर में डेमो फ्लाइट शुरू होंगे
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सीप्लेन संचालन के लिए सरलीकृत मानदंड पेश किए गए हैं और विजयवाड़ा से अक्टूबर में डेमो फ्लाइट शुरू होने वाली हैं। आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने इन परिचालनों में भाग लेने में रुचि दिखाई है। उड़ान योजना का प्रभाव 2017 में शुरू की गई उड़ान योजना ने क्षेत्रीय संपर्क में उल्लेखनीय सुधार किया है, 13 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डों सहित 85 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 579 मार्गों को चालू किया है। हालांकि, कम यात्री भार कारक, एयरलाइन शटडाउन और वीएफआर (विजुअल फ्लाइट रूल्स) हवाई अड्डों पर दृश्यता के मुद्दों जैसे विभिन्न कारकों के कारण कुछ मार्गों को बंद कर दिया गया है।
सीप्लेन से मिलेगी मदद
सीप्लेन संचालन, जो अब उड़ान योजना के दायरे में है, से पर्यटन को बढ़ावा मिलने और अनुसंधान, पर्यावरण निगरानी, तटीय संसाधन प्रबंधन और तटीय और द्वीप रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सहायता मिलने की उम्मीद है। उड़ान योजना का विस्तार और सीप्लेन संचालन के लिए सहायता को भारत के क्षेत्रीय हवाई संपर्क और बुनियादी ढांचे के विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के सक्रिय उपाय और संपर्क में सुधार के लिए प्रतिबद्धता परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और इनोवेटिव एविएशन सॉल्यूशंस के जरिये आर्थिक विकास का समर्थन करने की व्यापक दृष्टि को दर्शाती है।