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LIC का आईपीओ 12 मई से पहले ला सकती है सरकार, जानिए क्या है वजह

अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 13, 2022 15:25 IST
lic ipo- India TV Paisa
Photo:FILE

lic ipo

Highlights

  • सेबी के पास नए दस्तावेज दाखिल किए बिना आईपीओ लाने के लिए 12 मई तक का समय
  • विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की स्थिति को देखते आईपीओ की तारीख का हो सकता है ऐलान
  • मार्च के बाद शेयर बाजार में भी सुधार आने की पूरी उम्मीद है

नई दिल्ली। सरकार के पास भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास नए दस्तावेज दाखिल किए बिना जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए 12 मई तक का समय है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की स्थिति को देखते हुए आईपीओ की तारीख का ऐलान हो सकता है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो सरकार 12 मई से पहले आईपीओ लाने की तारीख का ऐलान कर सकती है। मार्च के बाद बाजार में भी सुधार आने की पूरी उम्मीद है।

 

रूस-यूक्रेन युद्ध से व्यवधान पड़ा

सरकार ने पहले एलआईसी के लगभग 31.6 करोड़ शेयरों या पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मार्च में आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। इस आईपीओ से करीब 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद थी। हालांकि, रूस-यूक्रेन संकट के बाद शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए आईपीओ की योजना पटरी से उतर गई है। एक अधिकारी ने कहा, सेबी के पास दाखिल दस्तावेजों के आधार पर आईपीओ लाने के लिए हमारे पास 12 मई तक का समय है। हम उतार-चढ़ाव पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही कीमत के दायरे के साथ आरएचपी दाखिल करेंगे।

12 मई बाद नए कागजात जमा करने होंगे 

अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे। अधिकारी ने आगे कहा कि हालांकि पिछले एक पखवाड़े में बाजार में उतार-चढ़ाव कम हुआ है, लेकिन बाजार के और स्थिर होने का इंतजार किया जाएगा, ताकि खुदरा निवेशकों को शेयर में निवेश करने का भरोसा मिले। एलआईसी ने खुदरा निवेशकों के लिए अपने कुल आईपीओ आकार का 35 प्रतिशत तक आरक्षित रखा है। अधिकारी ने कहा, खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से को पूरा भरने के लिए लगभग 20,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। हमारे बाजार आकलन के अनुसार, वर्तमान खुदरा मांग शेयरों के पूरे कोटे को भरने के लिए पर्याप्त नहीं है।

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