चीनी (sugar) के कारोबार से जुड़े हितधारकों को सरकार ने आखिरी अल्टीमेटम दिया है। इन्हें सरकार ने आगामी 17 अक्टूबर तक खाद्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपने स्टॉक (sugar stock) का खुलासा करने की आखिरी चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाद्य मंत्रालय ने 23 सितंबर को एक आदेश जारी कर सभी चीनी हितधारकों को आदेश दिया था कि वे उसकी वेबसाइट पर साप्ताहिक रूप से अपने स्टॉक का स्टेटस बताएं। चीनी हितधारकों में थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, बड़े खुदरा विक्रेता और प्रोसेस करने वाले शामिल हैं।
कई हितधारकों ने खुद को रजिस्टर ही नहीं किया है
खाद्य मंत्रालय ने पाया कि चीनी व्यापार और भंडारण से जुड़े कई थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और बड़े खुदरा विक्रेता ने अब भी चीनी स्टॉक प्रबंधन प्रणाली पर खुद को रजिस्टर ही नहीं किया है। मंत्रालय ने सभी हितधारकों को लिखे पत्र में कहा कि चीनी और वनस्पति तेल निदेशालय को अलग-अलग माध्यमों से सूचना मिली है कि कई यूनिट्स के पास पर्याप्त मात्रा में अज्ञात चीनी स्टॉक (sugar stock) हैं। इस चिट्ठी में कहा गया है कि ऐसे मामले हैं, जहां ये इकाइयां नियमित आधार पर अपने चीनी स्टॉक का खुलासा नहीं कर रही हैं। इससे न सिर्फ नियामकीय ढांचे का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि चीनी बाजार का संतुलन भी प्रभावित हो रहा है।
खुद को रजिस्टर करना होगा
खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा कि इसलिए यह निर्देश दिया जाता है कि चीनी उद्योग में शामिल सभी इकाइयों को तुरंत चीनी बाजार सूचना प्रणाली पर खुद को रजिस्टर करना होगा। मंत्रालय ने कहा कि 17 अक्टूबर तक ऐसा नहीं करने पर जुर्माना और प्रतिबंध लग सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, देश में इस साल 281 लाख टन चीनी की खपत हो सकती है। भारत में टॉप चीनी कंपनियों में श्री रेणुका शुगर्स, ईद पैरी, बलरामपुर चीनी, त्रिवेणी इंजी और डालमिया भारत सुग शीर्ष पर हैं।