आने वाले समय में तांबे के प्रोडक्ट्स (copper products), ड्रम और टिन कंटेनर (tin containers)ज्यादा अच्छी क्वालिटी में उपलब्ध होंगे। सरकार ने घटिया सामानो के इम्पोर्ट पर अंकुश लगाने और घरेलू मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इन प्रोडक्ट्स के लिए जरूरी स्टैंडर्ड जारी किए हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, इस मामले में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने बीते 20 अक्टूबर को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिए हैं।
प्रोडक्ट्स पर BIS सिम्बल होगा जरूरी
खबर के मुताबिक, नए आदेश में अब सामानों का प्रोडक्शन, बिक्री, कारोबार, इम्पोर्ट और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का सिम्बल न हो। नए आदेश नोटिफिकेशन की तारीख से अगले छह महीने के लिए लागू होंगे। बता दें, तांबे (copper) और इसकी मिश्र धातुओं का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, बिजली डिस्ट्रीब्यूशन,टेलीकॉम, विद्युत सर्किट और कई डिवाइस में किया जाता है। इसलिए तांबे के प्रोडक्ट्स (copper products) को बेस्ट क्वालिटी का होना चाहिए और किसी भी कीमत पर शुद्धता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
इन्हें समयसीमा में मिली है छूट
नए आदेश में तांबे के नौ प्रोडक्ट्स में इलेक्ट्रिकल एप्लीकेशंस के लिए तार की छड़ें शामिल हैं, कंडेनसर और हीट एक्सचेंजर्स के लिए ठोस तांबे व तांबे की ट्यूब, फ्रीज और एयर कंडीशनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली तांबे की ट्यूब भी इसके तहत आती हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने कहा कि घरेलू लघु/सूक्ष्म उद्योगों की सुरक्षा के लिए, क्यूसीओ गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के सही क्रियान्वयन, व्यापार करने में आसानी को सुनिश्चित करने के लिए, लघु/सूक्ष्म उद्योगों को समयसीमा के संबंध में छूट दी गई है, लघु उद्योगों को अतिरिक्त तीन महीने और सूक्ष्म उद्योगों को अतिरिक्त छह महीने का समय दिया गया है।
नहीं माना आदेश तो होगा एक्शन
डीपीआईआईटी (DPIIT), बीआईएस (BIS) और हितधारकों के परामर्श से क्यूसीओ को नोटिफाई करने के लिए प्रमुख प्रोडक्ट्स की पहचान कर रहा है। इसके तहत 318 प्रोडक्ट्स स्टैंडर्ड को कवर करने वाले 60 से ज्यादा नए क्यूसीओ को तैयार करना शुरू किया गया है। बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार और उसके बाद के अपराधों पर जुर्माना बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये हो जाएगा और माल या वस्तुओं के मूल्य के 10 गुना तक बढ़ जाएगा।